नई दिल्ली: गुजरात सरकार की पूर्व मंत्री और BJP नेता माया कोडनानी ने कोर्ट में अर्ज़ी दी है कि BJP पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह समेत 14 लोगों से गोधरा दंगे के समय नरोदा पाटिया इलाके में हुए दंगे के मामले में पूछताछ की जाए। इसके लिए कोडनानी द्वारा पिछले महीने कोर्ट में आवेदन दिया गया था। इसपर सुनवाई करते हुए गुरुवार को कोडनानी के वकील अमित पटेल से कोर्ट ने कहा कि पहले ये बताएं कि इन लोगों को समन जारी कर क्यों बुलाना चाहिए। आपके पास कुछ पुख्ता जानकारी है तो आप हमें बताएं। इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि आपकी याचिक इस मामले में कितनी उचित है। इस मामले की आगे की सुनवाई अगले सोमवार को होगी।
दरअसल, नरोदा पाटिया दंगा मामले मे कोड़नानी अपना पक्ष साबित करना चाहती हैं, जिसके लिए वह इन सभी लोगों का बयान दर्ज करवाना चाहती हैं। पटेल ने कोर्ट से कहा कि वह सोमवार की सुनवाई में अपना पक्ष रखेंगे। कोडनानी द्वारा कोर्ट में जमा कराए गए आवेदन के अनुसार अमित शाह के अलावा कोडनानी उन लोगों का बयान दर्ज कराना चाहती हैं जिनसे दंगों के समय उनकी मुलाकात हुई थी।
पूर्व मंत्री कोडनानी का कहना है कि दंगों में उनका कोई हाथ नहीं है। उनके मुताबिक़ उनकी मुलाकात अमित शाह से विधानसभा और सोला सिविल अस्पताल में हुई थी और इन्हीं के साथ मेरी कई अन्य लोगों से भी मुलाकात हुई थी जिनका बयान इस मामले में दर्ज करना ज़रूरी है।
सीआरपीसी के तहत अर्ज़ी
माया कोडनानी ने इसी महीने सीआरपीसी की धारी 233(3) के तहत 14 लोगों को समन भेजने की अपील कोर्ट से की थी। उनके वकील अमित पटेल ने कहा कि वे सोमवार को कोर्ट में इसका जवाब भी देंगे। सीआरपीसी की इस धारा के मुताबिक़ अगर आरोपी शख़्स किसी भी गवाह या सबूत को पेश किये जाने के लिए आवेदन करता है तो जज उसकी अनुमति देंगे। हालांकि केस में देरी करने या उसे भर्मित करने का उद्देश्य समझ आने पर जज उसे खारिज कर सकता है।
ज़मानत पर रिहा हैं कोडनानी
अपने एप्लिकेशन के ज़रिये कोडनानी 28 फरवरी 2002 के दंगों के मामले में खुद को बेग़ुनाह साबित करने के लिए अमित शाह समेत 14 लोगों के बयान कोर्ट में कराना चाहती हैं। कोडनानी पर हिंसा भड़काने का आरोप है। नरोदा पाटिया नरसंहार मामले में उन्हें दोषी करार दिया गया है और उम्रकैद की सज़ा दी गई है। कोर्ट ने उन्हें दंगों का मास्टरमाइंड माना। वह गुजरात हाईकोर्ट के आदेश पर जुलाई 2014 से ज़मानत पर रिहा हैं।