दिल्ली- राजनीति क गलियारों में सबसे ज्यादा चर्चा में एक ही सवाल है कि अगला राष्ट्रपति कौन? केंद्र सरकार ने एनडीए की ओर से रामनाथ कोविंद को उम्मीदवार बनाकर लोगों को चौंका । भाजपा के इस फैसले को एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार तो अभी भी समझ नहीं पा रहे कि आखिर ऐसा क्यों हुआ। भाजपा का ये फैसला आश्चर्यजनक रहा।
आडवाणी या मुरली मनोहर जोशी की दावेदारी
एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार को उम्मीद थी कि 17 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में बीजेपी की नेतृत्व वाली एनडीए सरकार लालकृष्ण आडवाणी या मुरली मनोहर जोशी जैसे किसी नेता को खड़ा करेगी। पवार का मानना है कि विपक्ष की ओर से सर्वश्रेष्ठ उम्मीदवार हैं।
गठबंधन का अंदरुनी मामला
पवार से जब पूछा गया कि बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविंद से बेहतर उम्मीदवार कौन हो सकता था तो उन्होंने कहा कि यह सत्तारुढ़ गठबंधन का अंदरुनी मामला है। लेकिन हम उम्मीद कर रहे थे कि लालकृष्ण आडवाणी या जोशी जैसे नेता को ही उम्मीदवार बनाया जाएगा।