"रामजन्म भूमि पूजन हितकारी "
राम जी भवन होत गारी
सुमंगल गावत नर - नारी।
देव ऋषि सब देखन घाये
अयोध्या लागे बड़ी प्यारी।
संतों का स्वागत है होता
रावण अपने घर पर रोता
खग मृग झूमें नगरी सारी
अयोध्या लागे बड़ी प्यारी।
देव ऋषि मानव रूप धर
आए दरशन को अयोध्या
श्रीराम जी का दर्शन पाके
लागे बड़ी प्यारी अयोध्या।
राम मंदिर निर्माण होने वाला है। अयोध्या में राममंदिर बनने वाला है। भारत सहित दुनिया भर में श्री राम की जन्मभूमि अयोध्या में भव्य बने की कामना 493 वर्ष के संघर्ष लाखों राम भक्तों के बलिदान का फल है युद्ध को झेलने के बाद यह शुभ मुहूर्त भास्कर की उपस्थित में, मोदी जी के नेतृत्व ,करकमलों से पूर्ण होने की खुशी का दिन है।05 अगस्त 2020 का स्वागत! जनता का भरपूर समर्थन
होने वाला है। यह पूजन रामजन्म भूमि पर होगा। जहां श्री राम जी का जन्म हुआ था। उसी सातों पुरियों में एक धर्म संस्कृति सभ्यता और समाज को सुधारने वाली अयोध्या में।
अयोध्या में धार्मिक स्थलों को दूल्हन की तरफ सजाया गया। अयोध्या के साकेत विश्व विद्यालय से पहले से ही गली मोहल्ले का रंग रोदन पीले रंग में किया गया। दीवालों पर राम काल की( अनादिकाल)
की लीला रामायण में वर्णित कथाओं से संबंधित भगवान सहित सभी चित्रों को दीवाल पर उकेरा गया।
रामायण में वर्णित नयनाभिराम निर्मित राम लखन सीता आदि का दृश्य की आलौकिक छवि उकेरी गईं थीं।
नगर जनपद अयोध्या में जगह जगह तोरण द्वार बनाए गए। साकेत में हेली पेड से आने वाली सड़क किनारे किनारे निर्मित धरोहरों को भी फूलों से सजाया गया।
हरि की पौड़ी, सरयू नदी का तट नवर्देश्वर मंदिर को थाईं लैंड से आए पुष्पों से सजाया गया।घरों की छतों पर , मंदिरों को सनातनी हिन्दू धर्म ध्वज फहराया गया। हनुमानगढ़ी ,सरयू नदी का तट, हेली पैड , राम जन्म भूमि के आस पास सनातनी हिन्दू भगवा ध्वज फहराया गया। सरयू तट पर प्रति दिन सायं आरती होती रहती है परन्तु तीन अगस्त बीस साल से तीन दिन दीप जलाकर,फूल माला चढ़ाकर हरि की पौड़ी सहित उजाले से ऐसा जगमग ज्योति निकाल रही थी मानो आकाश से तारे धरा पर उतर आए हैं।
प्रति दिन प्रभु की नगरी अयोध्या में कीर्तन भजन गीत लोकगीत प्रभु को पाने की अभिलाषा में होता । कोई शंख बजाकर,कोई नृत्य से ,कोई भजन कीर्तन करके अपने भगवान विष्णु रूप राम जी को सुनाने में मगन थे।
अभिजित मुहूर्त में राम मंदिर ट्रस्ट की ओर से आयोजित आयोजन श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के हवाले हो गया। पूजन करने वाले पुजारी पाँच अगस्त बीस साल की शुरुआत करने के लिए तैयार हो गए थे। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम के अनुसार मुख्य अतिथि भारत के यशस्वी प्रधान मंत्री नरेंद्र दामोदर दास मोदी जी को राम जन्म भूमि का शिलान्यास करने का फैसला ट्रस्ट ने लिया आमंत्रण भेज दिया गया था जिसकी स्वीकृति पी एम ओ से मिल चुकी थी। इनके अलावा संत महात्मा महत्व पूर्ण लोगों को 170 लोगों को आमंत्रित किया गया था। जो देश के प्रमुख भूमिका में संत महात्मा हैं। कार्य क्षेत्र के ट्रस्त के सदस्य भी आमंत्रित किए गए थे। कार्यक्रानुसार 36 सम्प्रदाय से संत महात्मा गणमान्य व्यक्ति को उपस्थित होने का मौका मिला।
अगस्त 3 को रक्षा बंधन का पर्व था जिसमें राष्ट्र की बहने अपनी रक्षा के लिए भाई की कलाई में रक्षा बांधने का पर्व मनाया जाता है इस मौके पर मुस्लिम बहनों ने भी अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधी । उन्होंने हिन्दू मुस्लिम दोनों के हाथो राखी राम नाम की बांधकर जन्म भूमि अयोध्या में मंदिर बनेगा की खुशियां मनाई।
भूमि पूजन के बाद मंच पर आने वाले लोगों में शामिल होने के लिए आमंत्रित राम मंदिर निर्माण अभियान के पुरोधाओं में आडवाणी ,मुरली मनोहर जोशी और कल्याण सिंह जी को सादर आमंत्रित किया गया था परन्तु कोरोनावायरस काल ,कोराना से मरीजों की संख्या बढ़ने के कारण और उम्र की बढ़ती जाती हालात से इन लोगों का आना नहीं हो सका। लोगों ने लाइव/ टीवी के माध्यम से अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
कार्यक्रम को सफल बनाने के उद्देश्य से मुख्य रूप से नोडल अधिकारियों का मंडल बना जिसकी जिम्मेदारी आला अधिकारियों को निर्देश दे डाली गई। जो उद्घाटन अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को सफल बनाने में कामयाब हो कर बारीकियों का अध्ययन किया और उचित कार्यवाही करने में सक्षम हुए। कार्यक्रम निर्विघ्न संपन्न हो गया।
कार्यक्रम पर मुुख्य मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार योगी आदित्यनाथ नाथ जी पैनी निगाह से देखते रहे जब से यह तय हुआ कि अयोध्या में राममंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन अगस्त 5,2020 को प्रारंभ हो सकता है उसी समय से योगी जी का जन्म भूमि अयोध्या धाम के लिए आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने की योजना बनाने लगे अधिकारियों की बैठक आयोजित हुई बैठक में ठोस कदम उठाने पर बल दिया गया।
मुख्य मंत्री योगी जी ने अयोध्या धाम का कई बार दौरा किया। हालात से सामंजस्य स्थापित किया। साकेत विश्व विद्यालय में तीन हेली पैड की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए कि इस कार्य कार्यक्रम में शामिल होने वाले लोगों में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जी प्रमुख भूमिका में नजर आने वाले लोगों में से हैं। हेली पैड बनावाया । हनुमा नगढी ,राम जन्म भूमि अयोध्या का निरीक्षण किया। प्राशासनिक बैठकें आयोजित की।
बैठक में ट्रस्ट के अध्यक्ष/सदस्य , समानित संत महात्मा और उत्तर प्रदेश के डी जी पी पुलिस प्रशासन को बुलाया गया था।
मंदिर निर्माण कार्य शुरू करने के पूर्व 1500 से अधिक पवित्र नदियों का जल , ऐतिहासिक महत्व पूर्ण धरोहरों की मिट्टी ,पवित्र कूप का जल भूमि पूजन के लिए भारत के कोने - कोने से सभी महत्वपूर्ण क्षेत्रों से राम भक्त लेकर आए। पी ओ के की मिट्टी भी दक्षिण भारत का राम भक्त लेकर आया। जब कि पी ओ के में जाने के मामले में पाकिस्तान रोक लगा ता है।
जीवन में कर्तव्य का
रामायण बोध कराती
साफ़ साफ़ कहने को
रामायण गाथा गाती।।
सहनशीलता का बोध
आदर्श श्री राम बता ते।
भारत सहित दुनिया भी
श्री राम की लीला गाती।
भारत में अयोध्या राम भक्तों से राममय हो गई जन्मोत्सव,दीपावली जैसा उल्लास उमंग लोगों में दिखाने लगा। पूजन की मुहूर्ती जो तय की गई थी वह अभिजित मुहूर्त भास्कर जी की उपस्थिति में बीस सेकेंड की खास थी। जो 12 बजकर 15 मिनट 15 सेकेंड के बाद 32 सेकंड का समय खास थी जिसमें मुहूर्त के अनुसार पूजन में चांदी की नौ ईंट रख कर पूजन किया जाना था। पूजन आवाहन का कार्यक्रानुसार चलता रहा समय के पूर्व गणेश,भूमि, देव - ऋषि, कुल देवी - देवता बड़ी काली भगवान राम - सीता जी सहित आकाश पाताल पृथ्वी पर, सभी देवी देवताओं का पूजन किया गया। राम सीता सहित कुल देवी देवता की भी पूजा की गई । से समय शेष रह गया था उस समय जय श्री राम जय सिया राम, जय हनुमान जी का भजन कीर्तन करके समया नुसार भूमि पूजन किया गया। इससे पूर्व में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जी ने हनुमान गढ़ी जाकर मंदिर निर्माण,भूमि पूजन/ शिलान्यास निर्विघनता पूर्वक सम्पन्न हो की अनुमति ली। प्रधान मंत्री जी के साथ योगी आदित्यनाथ नाथ जी मुख्य मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार भी साथ थे। तादुपरांत राम जी का मंदिर जो वर्तमान में भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जी जाकर भगवान राम जी सहित दरबार में सास्तांग प्रणाम किया।
अद्भुत सिंगार था
संतों का प्यार था
देवताओं का आशीर्वाद था
सच - सत्य का इंतजार था।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र दामोदर दास मोदी जी के कर कमलों द्वारा राम जन्म भूमि पूजन शिलान्यास किया जाना था को ध्या न पूर्वक विचार विमर्श किया गया जिससे अयोध्या को अभेद्य सुरक्षा व्यवस्था में सुरक्षित किया गया।
श्री राम के पूजन से शिव
राम का धर्म निभाते हैं।
रुद्राष्टक मंत्रों से शिव शिव
शंकर जी मस्त हो जाते हैं।
राम नाम का जो जप करते
उसपर शिव कृपा बरसाते हैं।
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जी ने पूजन के बाद जन्म भूमि की उर्वरा भूमि की मिट्टी को अपने माथे पर तिलक के रूप में स्थापित किया। भूमि को झुक कर प्रणाम किया।
हरि की पौड़ी में अवस्थित नर्वदेश्वर मंदिर जिसे राम की स्थापना किया गया माना जाता है को भी फूलों की खुशबू दार माला फूल से सजाया गया था।
पूजन के बाद एक सभा का आयोजन किया गया था जिसमें राष्ट्र के संत महात्मा उपस्थिति दर्ज कराई थी।
उसको सोशल डिस्टेंस के साथ मुख्य मंत्री, ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत जी, डॉ मोहन राव भागवत जी और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जी ने संबोधित किया। संचालन राम जन्म भूमि क्षेत्र ट्रस्ट के प्रमुख ने की। इस अवसर पर प्रधान मंत्री जी ने राम मंदिर पर टिकट जारी किया।
सूत्रों की मानें तो प्रधान मंत्री जी जब दोबारा अयोध्या आएंगे तो 94 वे कोस में विस्तारीकरण की योजना बना कर शुभारंभ कर सकते हैं।
राम मंदिर का घंटा - राम मंदिर के लिए आवश्यक हो। एटा जिले के जलसेर कस्बे में हिन्दू - मुस्लिम 25 कारीगरों की टीम मिलकर कठिन परिश्रम किया। राम मंदिर के लिए एक महीने में 2,100 किलो ग्राम वजन का घंटा निर्मित किया। जिसमें सोना, चांदी,तांबा,लोहा,सीसा ,जाता , टिन, और पारा के मिश्रण से तैयार किया गया है।
अयोध्या में एक्सचेंज प्रोग्राम - विदेशी मुद्रा एक्सचेंज प्रोग्राम के लिए अयोध्या में अक्टूबर 20 तक काऊंटर खुल जाएगा। काउंटर बनाए जाने पर विदेश के दश देशों से अधिक देशों की विदेशी मुद्रा एक्सचेंज का भारतीय रूपया में बदला जा सकता है।
विदेश से आए हुए राम भक्तों ,दर्शनार्थियों / दान दाताओं द्वारा प्राप्त धन भारतीय रुपया में बदलना सरल हो जाएगा। जन्म भूमि ट्रस्ट और अन्य मंदिरों, जगहों के मुद्रा एक्सचेंज के माध्यम से बदलने में सरल हो जाएगा।
मंदिर ट्रस्ट ने निर्णय लिया है कि भगवान राम के मंदिर निर्माण के लिए मदद ,दान मिलने लगा है । दान दाताओं को राम जन्म भूमि अयोध्या धाम से ट्रस्ट उन्हें धन्यवाद के साथ रसीद प्राप्त कराने की योजना बना रखी है जिसका संचालन हो रहा है।
- सुखमंगल सिंह,अवध निवासी