नई दिल्ली : टेलीकॉम कंपनियों के बीच जंग कम होने का नाम नही ले रही है। ऐसा लग रहा है अब तो टेलीकॉम कंपनियों के झगडे में खुद सरकार भी एक पक्ष बनने जा रही है। रिलायंस जियो की कॉल फेल करने के आरोप में ट्राई ने टेलीकॉम मंत्रालय से सिफारिश की थी कि एयरटेल, आईडिया और वोडाफोन पर 1,000 करोड़ का जुर्माना लगाया जाए। लेकिन अब इन टेलीकॉम कंपनियों का कहना है कि ट्राई इस मामले में रिलायंस जियो का पक्ष ले रहा है।
ख़बरों की माने तो टेलीकॉम कंपनियों का कहना है कि 'जब हमने रिलायंस जियो को इंटर कनेक्शन देने के मामले में 90 दिन का समय देने बात कही है तो फिर इस मामले में जुर्माना लगाकर ट्राई जल्दबाजी क्यों कर रहा है'। उनका कहना है कि रेगुटेलटर के निर्देशों में भी इतना समय देने की बात कही गई है।
गौरतलब है कि रिलायंस जियो और बाकी टेलीकॉम कंपनियों के बीच विवाद की प्रमुख वजह इंटरकनेक्शन, यूजर चार्ज और डेटा के कीमत में भेदभाव है। टेलीकॉम कंपनियों का कहना है कि वह ट्राई के इस फैसले के खिलाफ अदालत का दरवाजा भी खटखटा सकती है।
इससे पहले जब ट्राई ने कॉल ड्राप के मामले में टेलीकॉम कंपनियों पर जुर्माने की बात कही थी तब उसे सुप्रीम कोर्ट ने ठुकरा दिया था। सूत्रों की माने तो कंपनियों का कहना है कि वह इतनी आसानी से सरकार को जुर्माने का चेक नही देंगे। उनका कहना है कि उन्होंने जिस तरह कॉल ड्राप के मामले में जंग जीते वैसे ही वह इस लड़ाई को भी लड़ेंगे।