नई दिल्ली: कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और यूपी के सीएम अखिलेश यादव ने लखनऊ में प्रेस कांफ्रेंस कर पत्रकारों के सवालों का जवाब तो दिये, मगर इस दौरान कुछ ऐसा हुआ कि राहुल गाँधी ने पत्रकार के सवाल के जवाब में मोदी पर बेहद ही अलग अंदाज़ में निशाना साधा। दरअसल, पत्रकार के एक सवाल पर पूरे सभागार में हंसी छूट गई। हालांकि इस दौरान राहुल गांधी ने भी जमकर लुत्फ़ उठाया। पत्रकार ने सवाल के दौरान खुद को देश के नंबर वन चैनल का प्रतिनिधि बताया। इस पर राहुल बोले, ”आप कहते हैं कि आप नंबर वन हैं और दूसरे नंबर दो। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोचते हैं कि वे ही नंबर वन है और उनके अलावा कोई नंबर दो नहीं है।” इस पर उनके पास बैठे सीएम अखिलेश यादव भी हंसी नहीं रोक पाए।
इस सवाल के दौरान राहुल ने चुटकी लेते हुये सीधे पीएम मोदी पर तंज कसते हुये कहा कि भईया आप अपने आपको नं 1 बता रहे हैं यहां और वहां मोदी जी अपने आपको नं 1 लेकिन आप में और मोदी में फ़र्क इतना है कि आप अपने बाद किसी को नं 2 तो बताते हो पर मोदी जी तो खुद ही नं 1 है और नं 2 की कोई जगह ही नहीं है। बाद में वे पत्रकार के एक सवाल को भूल भी गए। उन्होंने कहा, ” मैं भूल गया आपने दूसरा सवाल क्या किया था।” इस पर उनके पास बैठे लोगों ने उन्हें याद दिलाया। प्रेस कांफ्रेंस के दौरान राहुल ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए सपा और कांग्रेस के बीच गठबंधन को ‘गंगा-जमुना’ का संगम करार दिया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भाजपा की ‘नीयत’ साफ नहीं है और वह सपा के साथ मिलकर उनकी ‘क्रोध’ की राजनीति का मुकाबला करेंगे। राहुल ने कहा, ‘‘इस गठबंधन से उनके अखिलेश (सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री अखिलेश यादव) से निजी और राजनीतिक संबंध गहरे हुए हैं। यह गंगा और जमुना का संगम है, जिसमें से तरक्की की सरस्वती निकलेगी।’’
राहुल ने कहा, ‘‘हम क्रोध और गुस्से की राजनीति को रोकना चाहते हैं क्योंकि इससे जनता को नुकसान हो रहा है। जो क्रोध भाजपा और संघ फैला रहे हैं, उसका मुकाबला करने के लिए हम एक साथ आये हैं क्योंकि उत्तर प्रदेश के डीएनए में क्रोध नहीं बल्कि प्रेम और भाईचारा है।’’ संघ और भाजपा पर हमला जारी रखते हुए राहुल ने उन्हें फासीवादी करार दिया और कहा कि उनकी नीयत साफ नहीं है जबकि अखिलेश की नीयत सही है और उन्होंने पिछले पांच साल कोशिश भी की। जो अखिलेश की नीयत है वही उनकी :राहुल: नीयत है और ‘राजनीति नीयत पर होती है।’