नई दिल्ली : यूपी में भले ही कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गाँधी अपनी खाटें लुटा आएं हों. लेकिन हकीकत यह है कि उनकी ये खाटें गरीबों के बहुत काम आ रहीं हैं और गांव के बच्चे बूढ़े और जवान उनका नाम लेने से नहीं चूक रहे हैं.जिसके चलते राहुल गाँधी का नाम अब मिर्जापुर और देवरिया के गांव की संकरी गलियों में उन नन्हें-मुन्ने बच्चों की जुबान पर रट गया है, जिनके बप्पा राहुल की सभा से खाट लड़-झगड़ कर लाये हैं.
सीधे संवाद की बजाय बच्चे कर रहें हैं पढ़ाई
गौरतलब है कि यूपी चुनाव को लेकर कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी खाट सभा के जरिए किसानों से सीधे संवाद स्थापित कर रहे हैं. वहीं, दूसरी ओर उनकी सभा से खाट लूटी जा रही है. सबसे पहले देवरिया और हाल ही में मिर्जापुर में सभा में खाट लूट की घटना सामने आई. देवरिया में आयोजित हुई पहली खाट सभा राहुल गांधी की अब तक की सबसे चर्चित खाट सभा रही. सभा खत्म होने के बाद यहां खाट को लेकर लूट मच गई. खाट को स्थानीय लोग घर लेकर चले गए. इस दौरान लोगों में झड़प भी हुई. लेकिन आज राहुल कि खाट सभा से लूटी गयीं खाटें इन जिलों के गरीबों के बच्चों और मेहमान नवाजी के काम जरूर आ रही हैं.
खाट पर हो रही है मेहमान नवाजी
गांव में लोगों के घरों के बाहर रखीं ये चारपाईयां अब उनके बच्चों और घर में आने वाले मेहमानों के बैठने के काम आ रही हैं. देवरिया के एक गांव में रहने वाला दस वर्षीय जुगल कहता है कि राहुल आये रहें और हमरे पढे खातिर खाट भिजवाईन हैं. बप्पा कहत रहें कि तुम इपर बैठ्कर पढ़ा करो. इसी तरह गांव में रहने वाली सुशीला देवी बताती हैं कि राहुल काका हमरे मेहमानों के बइठे खातिर खाट दिहिन हैं. इसलिए जब कोई आ जावत है तो इका बिछा लेइत है.
खाट पर बैठ्कर लोग हुए खुश
बहरहाल उत्तर प्रदेश में किसानों की खाट सभा कर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गाँधी जो ख्याति नहीं कमा पाए. वह ख्याति उनकी खाट पर बैठ कर गांव के बच्चे, बूढ़े और जवान उनका नाम लोगों को बताकर दिलाने में लगे हैं. फिलहाल विपक्षी पार्टियां भले ही यह समझ रही हो की कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गाँधी खाट सभा कर कोई ख्याति प्राप्त नहीं कर सके, लेकिन हकीकत यही है की राहुल गाँधी अपनी खाटें लुटाकर पूर्वांचल के दो जिलों के ग्रामीण इलाकों में उनकी खाट पाकर लोग अपनी जुबान पर उनका नाम लेने से नहीं चूकते दिखाई देते.
कैसे भुनाएंगे मिली ख्याति को राहुल
राजनीति के महारथियों की मानें तो जितना असर व्यक्ति के सकारात्मक कामों से लोग प्रभावित नहीं होते. उससे अधिक लोग उसके नकारात्मक कामों की सोच को लेकर चर्चा करते हैं. फिलहाल कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गाँधी के साथ भी उत्तर प्रदेश में ऐसा ही इस बार हुआ है. अब सवाल इस बात का है कि राहुल इसे किस तरह अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में भुनाएंगे. यह तो उनके सलाहकार प्रशांत किशोर ही बता सकते हैं.