नई दिल्लीः मध्य प्रदेश का टेनकपुर। यहां की बीएसएफ कॉलोनी। अचानक केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह का काफिला आकर उस बहादुर अफसर के घर के सामने रुकता है, जिसने कभी नक्सलियों से लड़ते आंखों की रोशनी गंवा दी थी। देश के केंद्रीय गृहमंत्री को घर के दरवाजे पर देखकर कमांडेंट संदीप मिश्रा आश्चर्य से भर उठे। राजनाथ बोले कि आपकी बहादुरी के बारे में बहुत सुना था, पासिंग आउट परेड में आने का मौका मिला तो सोचा क्यों न मिल लिया जाए। राजनाथ सिंह को अपने बीच देखकर अफसर का पूरा परिवार खुश हो उठा।
परिवार के साथ किया लंच
केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह करीब एक घंटे तक अफसर के घर पर रहे। इस दौरान उन्होंने परिवार के साथ दोपहर का भोजन भी किया। राजनाथ बच्चों से भी मिले। खाना बीएसएफ अफसर की पत्नी इंद्राक्षी ने बनाया था।
सच्चा मोहब्बतः आंखों की रोशनी जाने के बाद भी इंद्रीक्षी ने की शादी
वर्ष 2000 में असम में हुए एक उग्रवादी हमले का सामना करते हुए संदीप मिश्रा के आंखों की रोशनी चली गई थी। इस प्रकार संदीप मिश्रा दिव्यांग हो गए थे। फिर भी इंद्राक्षी ने उनसे शादी करने का फैसला किया। उस हमले के चार साल बाद इंद्राक्षी ने संदीप मिश्रा से शादी की। मुलाकात के बाद राजनाथ सिंह ने कहा कि यह देश के प्रति उनका प्यार है जो संदीप और इंद्राक्षी को एकसाथ जोड़ता है। टेकनपुर में उनके घर में भोजन कर काफी प्रसन्नता हुयी। राजनाथ सिंह ने कहा कि बीएसएफ अधिकारी को अपनी पत्नी से शक्ति मिलती है जिन्होंने उनके विशिष्ट रूप से योग्य होने के बावजूद उनसे शादी करने का फैसला किया।