नई दिल्ली : होम मिनिस्टर राजनाथ सिंह ने एक कार्यक्रम के दौरान देश के टॉप नौकरशाहों से कहा कि वह मंत्रियों की जी हुजूरी न करें अगर उन्हें लगता है कि मंत्रियों के फैसला गलत है तो वह मंत्रियों को रूल बुक दिखाएं। 11वें लोक सेवा दिवस के अवसर पर आयोजित समारोह में राजनाथ सिंह ने अधिकारियों को देश हित में फैसला लेने और अपनी अंतरात्मा के साथ विश्वासघात ना करने की सलाह भी दी।
इससे पहले राजनाथ सिंह ने दो दिवसीय कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए उन्होंने नौकरशाहों को समय की कीमत का ध्यान रखने और समयबद्धता का पालन करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा "मुझे आज कुछ चिंता हो रही थी... कार्यक्रम को 9:45 बजे शुरू होना था... हम कार्यक्रम के निर्धारित समय से पांच मिनट पहले ही आ गए थे... लेकिन वह 9:57 बजे शुरू हुआ..."
उन्होंने कहा, 'लोक सेवकों के पास शक्तियां हैं। उन्हें फैसले देश हित और जन हित को ध्यान में रखकर लेने चाहिए। अगर कोई राजनीति क प्रतिनिधि गलत आदेश दे रहा है तो उन्हें कानून का रास्ता दिखाने में डरें नहीं। उन्हें बताएं कि वे कानूनी रूप से गलत हैं और फाइल पर हस्ताक्षर न करें।'
राजनाथ सिंह ने कहा, 'जरूरत पड़े तो अपने वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा करें और उनसे राय मशविरा करें, लेकिन फैसला लेने में किसी तरह की हिचकिचाहट नहीं होनी चाहिए।'
राजनाथ सिंह ने लोक सेवा अधिकारियों को सरदार वल्लभभाई पटेल के 21 अप्रैल 1928 में दिए मार्गदर्शक सिद्धांतों का पालन करने के लिए कहा।
उन्होंने कहा, 'सरदार पटेल ने कहा था कि अगर लोक सेवकों को भारत का इस्पात का ढांचा कहा जाए तो इसमें कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। सरदार पटेल ने 1948 में लोक सेवकों के लिए दिया गया मार्गदर्शक सिद्धांत आज के दौर में भी उतना ही महत्वपूर्ण है। आजादी के 70 वर्षो के बाद भी हमारे देश का यह इस्पात का ढांचा कमज़ोर नहीं हुआ है।'