शरद यादव का मामला अब बिहार जदयू में तूल पकड़ता हुआ जा रहा है। वरिष्ठ नेता शरद यादव महागठबंधन टूटने से काफी नाराज हैं और संवाद यात्रा पर निकले हुए हैं और जनता के नब्ज को टटोलने में लगे हुए हैं. पार्टी ने साफ कर दिया है कि शरद यादव का यह निजी यात्रा है अगर इसमें कोई भी पार्टी का कार्यकर्त्ता और नेता जाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी।
पार्टी के चेतावनी के वाबजूद रमई राम और अर्जुन कल शरद यादव के इस यात्रा में शामिल हुए हैं जिसपर दो दिन पूर्व मुजफ्फरपुर जदयू जिलाध्यक्ष ने उनके खिलाफ कार्रवाई करने को लेकर प्रदेश अध्यक्ष से मांग की है। शरद यादव के साथ रमई राम और अर्जुन राय के शामिल होने पर जमकर हमला बोला है। प्रदेश प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि ये हारे हुए लोग हैं. नीरज कुमार ने इन नेताओं को पुदीना के पौधे की उपमा भी दे डाली ।
इधर नई दिल्ली पहुंचे बिहार के मुख्य मंत्री ने शरद यादव को दो टूक शब्दों में यह कह दिया है कि या तो वे भाजपा को स्वीकार कर ले या पार्टी छोड़ दे। नीतिश कुमार ने यह भी बताया की 19 अगस्त को राष्ट्रीय स्तर के कार्यकर्ताओं की एक बैठक बुलाई गई है जिसमे शरद यादव को भी अपना पक्ष प्रस्तुत करने को कहा गया है।
जदयू प्रवक्ता ने शरद यादव पर हमला करते हुए कहा कि ‘शरद यादव कभी नैतिकता को आधार मानकर इस्तीफा दिया था, लेकिन अब भ्रष्टाचारियों का साथ देकर उन्होंने अपनी नैतिकता को मार दिया है.’ शरद यादव यादव को अपने निशाने पर लेते हुए कहा है कि भ्रष्टाचार में लिप्त तेजस्वी और तेज प्रताप के नए राजनैतिक अंकल हैं. वहीं उन्होंने कहा कि शरद यादव की नजर लालू परिवार के जेल जाने बाद राजद के संगठन और लालू यादव की संपत्ति पर है। राजद पर कब्ज़ा करने के बाद शरद यादव उसे भी ध्वस्त करने का ही काम करेंगे,क्योकि वे येन केन प्रकर्णेन अपना वर्चस्व बनाये रखना चाहते है। राजनीति क पार्टियों का गठन कराना और मनमुताबिक न चलने पर उन्हें ध्वस्त कराना शरद यादव की फितरत रही है।