दिल्ली : जांच के महीने भर बाद भी दिल्ली पुलिस, IAS अफसर बीके बंसल और उनके पूरे परिवार की खुदकुशी के मामले मे अभी तक कुछ नही कर सकी है. इस हैरतअंगेज मामले में संदेह के घेरे मे आये CBI अफसरों के खिलाफ दिल्ली पुलिस चाह कर भी उनपर हाथ डालने की हिम्मत नही जुटा पा रही है. ऐसा कहा जाता है इस सामूहिक आत्महत्या की घटना को रफा दफा करने के लिए ऊपरी दबाव हैं.
सूत्रों के मुताबिक बीजेपी के राष्ट्रिय अध्यक्ष अमित शाह के नज़दीकी बताए जाने वाले सीबीआई के DIG संजीव गौतम से पूछताछ करने में पुलिस के हाथ पाँव फूल रहे हैं. खुदकुशी करने से पहले अपने सुसाइड नोट में बीके बंसल ने लिखा था कि डीआईजी संजीव गौतम अमित शाह के करीबी आदमी है. बंसल ने अपने सुसाइड नोट में आरोप लगाया था कि गौतम और उनकी टीम के सदस्यों ने उनकी पत्नी और बेटी को प्रताड़ित किया, जिससे उन्होंने आत्महत्या कर ली.
मामले को दबाने की कोशिश कर रही पुलिस की कार्रवाई पर एक वरिष्ठ अधिकारी की दलील है की अब तक की जांच में बंसल की पत्नी और उनकी बेटी को CBI की अफसरों के हाथों प्रताड़ित करने का कोई साक्ष्य नही मिला है. इसलिए बगैर कोई ठोस सबूत और इस सुसाइड नोट के आधार पर CBI के खिलाफ 306 IPC का मुकदमा दर्ज नही किया जा सकता. हालाकि CBI अपने अधिकारियो की विभागीय जांच करा सकती है.
दरअसल कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव बीके बंसल एक ऐसी कम्पनी से उलझ गये थे जिसके मालिक के अमित शाह से पुराने संबध थे. चूंकी ऐसा कहा जाता है कि अमित शाह ने ही गौतम की पोस्टिग चंडीगढ़ से दिल्ली करवाई थी इसलिए इस मामले मे गौतम खास दिलचस्पी ले रहे थे.
गौरतलब है कि रिश्वतखोरी के मामले घिरे में कॉरपोरेट अफेयर के पूर्व डीजी बीके बंसल के घर से पुलिस ने सुसाइड नोट के चार सेट बरामद किए हैं. जिसमें उन्होंने सीबीआई पर उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए हैं. जिसके बाद सीबीआई के कुछ अधिकारी भी जांच के दायरे में आ गए थे और दिल्ली पुलिस सुसाइड नोट के तथ्यों की जांच कर रही थी.