नई दिल्ली : राज्यसभा के 61 सांसदों ने तेलंगाना हाईकोर्ट के एक जज के खिलाफ महाभियोग लगाने की मांग की है। न्यायमूर्ति सी वी नागार्जुन रेड्डी पर आरोप है कि उन्होंने कडप्पा जिले में एक दलित मुख्य कनिष्ठ दिवानी जज पर कथित तौर पर एक आपराधिक मामले में दवाब डालने के लिए उनके खिलाफ अत्याचार किये। जज पर महाभियोग लगाने वाली याचिका पर मुख्यत: तेदेपा और वामपंथी सांसदों के हस्ताक्षर हैं।
राज्यसभा सचिवालय ने 61 सांसदों की ओर से इस तरह की याचिका प्राप्त करने की पुष्टि की है और कहा कि मामले की जांच करने के बाद अगले दो दिनों में इसकी वैद्यता पर कोई फैसला किया जायेगा। गौरतलब है कि महाभियोग के लिए लोकसभा के 100 सदस्यों अथवा राज्यसभा के 50 सदस्यों को याचिका पर हस्ताक्षर करना होता है।
जानकारों की माने तो न्यायिक जांच कानून, 1968 के तहत याचिका को स्वीकार किया जा सकता है।
न्यायाधीश जांच कानून 1968 के प्रावधानों के तहत अगर याचिका को स्वीकार किया जाता है तो लोकसभा स्पीकर अथवा चेयरमैन को तीन सदस्यों वाली जांच समिति गठित करनी होगी जिसमें दो न्यायधीश होंगे।