नई दिल्ली : तमिलनाडु की पांच बार मुख्यमंत्री जयललिता को यूं ही नहीं उनके राज्य की जनता मानती थी. दरअसल गरीबों के बीच अम्मा ने राज्य में कई योजनाएं शुरू कर अपनी एक ऐसी छाप छोड़ी थी कि जनता उन्हें अपना हितैषी समझती थी. यही नहीं राज्य की जनता उनके लिए कुछ भी कर सकती थी.
क्यों छिड़कती थी तमिलनाडु की जनता अपनी जान ?
यही वजह है कि जब चेन्नई के अपोलो अस्पताल में अम्मा ने अंतिम सांस ली तो उससे पहले राज्य की जनता बिलक- बिलक कर रोने लगी. दरअसल तमिलनाडु की सीएम रहते हुए जयललिता ने राज्य के लिए कई सामाजिक क्षेत्र की योजनाएं चलायीं थीं. इसमें कन्या भ्रूण हत्या की समस्या से निपटने के लिए ‘क्रैडल टू बेबी स्कीम’, बच्चियों को जन्म देने वाली महिलाओं को मुफ्त सोने का सिक्का देने जैसी योजनाएं बेशुमार हैं. इसीलिए उन्हें लोग प्रेम से ‘अम्मा’ कहकर पुकारते थे.
तमिलनाडु की सीएम जयललिता कैसे बनीं अम्मा
इतना ही नहीं जयललिता ने ‘अम्मा ब्रांड’ के तहत लगभग 18 लोक कल्याणकारी योजनाएं भी शुरू की थीं. “अम्मा” के नाम की सभी योजनाएं या तो पूरी तरह मुफ्त थीं, या फिर उस पर भारी सब्सिडी दी जाती थी. इन योजनाओं में शहरी गरीबों के लिए मात्र 1 रुपए में भोजन उपलब्ध कराने के लिए ‘अम्मा कैंटीन’ प्रमुख थी. इसी तरह गरीबों के लिए उन्होंने ‘अम्मा साल्ट’, ‘अम्मा वाटर’ और ‘अम्मा मेडिसिन’ योजनाएं भी शुरू की थीं. जयललिता ने राज्य में ऑटोमोबाइल और आईटी जैसे क्षेत्रों में विदेश से निवेश भी आकर्षित किया.
जानिए क्या थीं जयललिता द्वारा शुरू की गई योजनाएं
क्रैडल टू बेबी स्कीम
गोल्ड फॉर मैरिज स्कीम
अम्मा कैंटीन
अम्मा वाटर
अम्मा साल्ट
अम्मा मेडिसिन
अम्मा लेपटॉप
अम्मा बेबी केयर किट
अम्मा सीमेंट
अम्मा ग्राइन्डर, मिक्सी, टेबल फैन
अम्मा बीज
अम्मा सर्विस सेंटर
स्पेशल अम्मा कैंप
अम्मा मोबाइल
अम्मा फार्मेसी
अम्मा माइक्रो लोन स्कीम
अम्मा आरोग्य थित्तम
चीफ मिनिस्टर कॉम्प्रिहेंसिव हेल्थ इंस्योरेंस स्कीम
अम्मा थिएटर प्रोजेक्ट