रायपुर : छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित नान घोटाले में दो आईएस अफसरों 1986 बैच के अलोक शुक्ला और अनिल टूटेजा को रमन सिंह सरकार गिरफ्तार करने से क्यों डर रही है? यह सवाल अब हर किसी के जहन में उठने लगा है। इन दोनों अफसरों के खिलाफ एंटी करप्शन ब्यूरो में धोखधड़ी समेत आधा दर्जन मामले दर्ज हैं। पीडीएस घोटाले में इनके दफ्तरों से करोड़ों की रकम बरामद हुई थी।
केंद्र सरकार भी अब इनके खिलाफ कार्रवाई करने की अनुमति दे चुकी है लेकिन अब तक इनको छत्तीसगढ़ पुलिस गिरफ्तार करने की हिम्मत नहीं दिखा पायी है। एक साल पहले छत्तीसगढ़ सरकार ने इन दोनों के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले दर्ज करने के लिए केंद्र सरकार से अनुमति मांगी थी लेकिन इस दौरान अनिल टूटेजा ने हाईकोर्ट में इसको चुनौती दी थी। जबकि इस घोटाले में शामिल अन्य आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई हो चुकी है और कई जेल में भी हैं।
छत्तीसगढ़ में सिर्फ अलोक अग्रवाल या अनिल टूटेजा नहीं बल्कि कई ऐसे कई अफसर हैं जिनकी सम्पति आज भी करोड़ों में हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश के 40 आईएएस अफसरों के पास एक करोड़ से 7 करोड़ की सम्पति है। सूत्रों की माने तो रमन सिंह सरकार अलोक शुक्ला और अनिल टुटेजा जैसे अफसरों पर हाथ डालने से इसलिए भी डर रही हैं क्योंकि इनको गिरफ्तार किया गया तो कई बीजेपी नेता भी इस घोटाले के लपेटे में आ सकते हैं।