नई दिल्ली: राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार को बर्खास्त कर सकते हैं। इसके लिए उनके पास पूरा आधार है। एमसीडी चुनाव के नतीजों में सत्ताधारी आम आदमी पार्टी की करारी हार के बाद यह बात कहने वाला कोई आम आदमी नहीं बल्कि सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज मार्कंडेय काटजू हैं, जो अक्सर अपने बयानों से सुर्खियों में रहते हैं। काटजू का कहना है कि नतीजों के बाद अब राष्ट्रपति को केजरीवाल सरकार बर्खास्त कर फिर से दिल्ली विधानसभा चुनाव कराना चाहिए।
काटजू ने दिया केस का हवाला
अपनी बात को कानूनी आधार देते हुए जस्टिस मार्कंडेय काटजू ने पुराने केस का हवाला दिया है। यह केस है स्टेट ऑफ राजस्थान बनाम यूनियन ऑफ इंडिया, एआईआर1997 एससी 1361 का। इस केस में सुप्रीम कोर्ट की सात जजों की बेंच ने यह व्यवस्था दी थी कि अगर कोई पार्टी किसी चुनाव में बुरी तरह हार जाती है तो इसका मतलब है कि अब वह पार्टी लोगों की इच्छा नहीं दर्शाती। जनता अब पूरी तरह पार्टी के खिलाफ हो गई है। जस्टिस काटजू के मुताबिक लोकतंत्र में मान्यता है कि विधायक इलाके के लोगों की राय का प्रतिनिधित्व करता है। इसलिए बाद की किसी भी चुनाव में पार्टी की बुरी हार का मतलब यह है कि पार्टी अब लोगों की इच्छा का प्रतिनिधित्व नहीं करती। लिहाजा सरकार को संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत बर्खास्त किया जा सकता है. और पुन: चुनाव का आदेश दे दिया जाना चाहिए। हालांकि जस्टिस काटजू ने यह भी बात अपनी पोस्ट में लिखी है कि उस समय मुद्दा दूसरा था। लेकिन उन्होंने यह भी माना कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा पूर्व में दी गई व्यवस्था दिल्ली के मामले में भी लागू होती है. एमसीडी चुनाव बात यह साफ है कि यहां पर आम आदमी पार्टी अब दिल्ली के लोगों की इच्छा का प्रतिनिधित्व अब नहीं कर रही है.