नई दिल्ली : वित्त मंत्री अरुण जेटली का कहना है कि नरसिम्हा राव भारतीय अर्थव्यवस्था के मसीहा नहीं थे बल्कि उन्होंने जो कुछ भी किया वह उनकी मजबूरी थी, जबकि लोग उन्हें आर्थिक मसीहा समझते थे। मुम्बई में जीएसटी के एक कार्यक्रम में जेटली ने कहा कि आज़ादी के बाद कांग्रेस की सरकार (नेहरूवियन मॉडल) में देश का कुछ भी विकास नहीं हुआ।
जेटली ने कहा कि भारत आज़ादी के शुरूआती दशकों में नेहरूवियन मॉडल में देश एक प्रतिशत विकास दर हासिल नहीं कर सका। जेटली ने कहा कि उस दौर में देश में सिर्फ एक प्रतिशत लोगों के पास मोबाइल फोन था। उन्होंने यहाँ तक कह डाला कि 1991 में देश ने जो आर्थिक रास्ता चुना और उससे जो कुछ टैक्स सुधार हुआ वह फैसला उस सरकार ने मजबूरी में लिया था।
क्योंकि उस वक़्त देश में दिवालियापन बढ़ रहा था। जेटली ने कहा कि मोदी का 'मेक इन इंडिया' कोई 'कोरा नारा' नहीं है बल्कि इससे देश में कई नौकरियों का निर्माण होगा।