नई दिल्ली : दुनिया की सबसे बड़ी कोयला कंपनी 'कोल इंडिया लिमिटेड' (सीआईएल) के कर्मचारी 2 सितंबर देशव्यापी हड़ताल करेंगे। यह हड़ताल सरकार द्वारा निजी कंपनियों के कोयला ब्लॉक के आबंटन और इस सेक्टर में विनिवेश के विरोध में की जा रही है।
कोल इंडिया का कहना है कि इससे कोयला उत्पादन और देश की बिजली पर बड़ा असर पड़ेगा। पिछले साल सितंबर में लगभग 4 लाख कोल इंडिया के कर्मचारी कड़ताल पर चले गए थे। इस हड़ताल में कोल इंडिया के छह सहयोगी संगठन इस्टर्न कोल फील्ड्स लिमिटेड (ईसीएल), साउथ ईस्टर्न कोल फील्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल), वेस्टर्न कोल फील्ड्स लिमिटेड (डब्ल्यूसीएल), महानदी कोल फील्ड्स लिमिटेड (एमसीएल) और नॉर्दर्न कोल फील्ड्स (एनसीएल) लिमिटेड के कर्मचारी भाग ले रहे हैं।
इनकी निजी कंपनियों को काेयला ब्लॉक का आवंटन बंद करने, कोयला उद्योग के लिए 10वें वेतन समझौते को अंतिम रूप देना, आउटसोर्सिंग के साथ ही संविदा श्रमिकों के लिए वेतन पुनरीक्षण और केंद्र सरकार को सभी लंबित बिलों वापस लेने जैसी माँग है। गौरतलब है कि सीआईएल के कोयले से देश के 85 प्रतिशत थर्मल पावर प्लांट निर्भर है। ऐसे में यदि कोल इंडिया में हड़ताल हो जाए, तो बिजली व्यवस्था ठप हो सकती है।