नई दिल्ली: उत्तराखंड में कांग्रेस के अंदर घमासान लगातार जारी है, उम्मीद्वारों के नाम पर अभी तक असहमति बनी हुई है। पीसीसी अध्यक्ष किशोर उपाध्याय और सीएम हरीश रावत के बीच रार बढ़ती जा रही है। दिल्ली में 15 रक़ाबगंज रोड में देर रात 12:30 बजे तक चली बैठक में भी दोनों के बीच सहमति नहीं बनी थी और अब उत्तराखण्ड में पोस्टरों से भी पीसीसी अध्यक्ष किशोर उपाध्याय का चेहरा गायब हो गया है। जिसके बाद शनिवार शाम को फिर सीईसी की मीटिंग बुलाई गई है। सूत्रों कि मानें तो किशोर उपाध्याय अब बहुत गुस्से में हैं। दरअसल, पार्टी में 20 सीटों पर बिल्कुल सहमति नहीं बन पा रही है। जिसके बाद अब केन्द्रीय चुनाव समिति ने आज दिल्ली में उत्तराखण्ड सदन में एक बार फिर मीटिंग बुलाई है।
दरअसल, किशोर उपाध्याय ने स्वयं कहा था कि 9 जनवरी के बाद कभी भी केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) की बैठक हो सकती है। इस बैठक में पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी की तरफ से ग्रीन सिगनल मिलते ही प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर दी जाएगी। हालांकि स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपध्याय के बीच मतभेद साफ तौर पर देखा गया था। दोनों में सहमति की कोई गुजाईश नज़र नहीं आती। आज शाम सीईसी की बैठक बुलाई गई है, जिसमें दोनों के बीच सहमति बनाने की अंतिम कोशिश की जाएगी, दरअसल सीएम के पोस्टरों और चुनावी सामाग्री में किशोर उपाध्याय का चेहरा नदारद है। अब कांग्रेस के नेता यहां तक कह रहे हैं कि यह अच्छा नहीं हुआ।
बाईक से लेकर पोस्टरों तक गायब हैं उपाध्याय का चेहरा
पहले लॉट के तौर पर कांग्रेस के प्रचार वाहन दौड़ने लगे हैं, जिन पर मुख्यमंत्री हरीश रावत की छाप साफ दिखायी दे रही है तो वहीं प्रचार वाहनों पर लगे फ्लैक्स हों या पोस्टर, पूरा कैंपेन ‘हरदा’ के चेहरे पर ही टिकने वाला है। इन प्रचार वाहनों पर एक तरफ रावत सरकार की उपलब्धियों का बखान है तो दूसरी तरफ हरीश रावत का बड़ा चेहरा। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी को ज़रूर जगह मिली है। लेकिन इन सभी में अध्यक्ष किशोर उपाध्याय को जानबूझकर गायब कर दिया गया है।
सीएम रावत के पीछे पीके का खेल
दरअसल, मुख्यमंत्री हरीश रावत की टीम उनको धुरी बनाकर चक्रव्यूह रचना चाहती है। जबकि किशोर उपाध्याय की टीम के मुताबिक़ अध्यक्ष को भी बराबर तरजीह मिलना चाहिए। प्रशांत किशोर की हरीश रावत से पहले दौर की चर्चा हो चुकी है और कैंपेन को लेकर अब ‘हरदा’ के लिए असल रणनीति पीके ही तैयार कर रहे हैं। प्रचार की सामग्रियों में प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय लगभग नदारद हैं।