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रेलयात्रा

16 जून 2022

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16/6/22

प्रिय डायरी,
                 आज मैंने शब्द.इन पर रेलयात्रा पर कविता लिखी है।

रेलयात्रा अर्थात रेल के द्वारा यात्रा करना। रेल मार्ग जिसमें दोनों ओर पटरियां होती हैं। रेल के डिब्बे पटरी पर अपना संतुलन बना कर निरंतर आगे बढ़ते रहते हैं और यात्रियों को उनके गंतव्य स्थान पर पहुंचाते हैं।

रेलवे स्टेशन पर खड़ी यात्री गण अपने गंतव्य स्थान जाने के लिए बैठते और सफर का आनंद लेते हैं। कोई सीट रिजर्व करा बैठता तो कोई सीट रिजर्व कराए। टिकट मिलने पर सीट कोई जरूरी नहीं मिल जाए अगर दूर सफर का यात्री बर्थ पर सोया हो। नहीं बैठने की जगह मिली तो खड़े होकर सफर करते हैं आखिर अपने गंतव्य स्थान पर पहुंचना है।

जो दूर सफर करने वाले सीट पर बैठे हैं तो थोड़ी दूर सफर तय करने वालों को बैठा भी लेते हैं। एक स्टेशन से दूसरे स्टेशन पर रेलगाड़ी आगे बढ़ती रहती है और यात्री गण सफर का आनंद लेते हैं। कुछ खाने का मन हुआ तो रेल की रसोई में खाना खाते हैं या कुछ न कुछ अपने पास रख कर चलते हैं या किसी स्टेशन पर रेलगाड़ी रुकी तो चाय पकौड़ी आदि खरीद कर खाते हैं।

धन्यवाद
अनुपमा वर्मा ✍️✍️


कविता रावत

कविता रावत

रेल इधर-उधर ढोते हुए जाने कितनों का मेल कराती रहती है

16 जून 2022

anupama verma

anupama verma

16 जून 2022

सही कहा आपने 💐

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