24/6/22
प्रिय डायरी,
आज मैंने शब्द.इन में नारी शीर्षक पर कविता लिखी है।
नारी शक्ति, दुर्गा है, नारी ही जननी मां, बहन, और बेटी है। नारी एक स्त्री कितने रूप में समाई हुई है।
नारी ही जननी मां बनकर अपने अपने बच्चों का पालन पोषण करती है उनको अच्छे संस्कार देती ताकि बड़े हो कर एक नागरिक बन सकें और एक सकारात्मक जीवन अपना सके।
नारी ससुराल में किसी की बहू और किसी पत्नी बन अपने घर संसार को चलती है। बहू बन मात पिता की सेवा करती है।
नारी ही बहन बनकर भाई बहन का रिश्ता निभाती है और बेटी बन माता पिता सेवा कर रिश्ते को निभाती है।
नारी अपने जीवन में विभिन्न रूप धारण करती हैं और विभिन्न रूप में रिश्तों को निभाती रहती है।
नारी को सशक्त बनाने में माता पिता के साथ साथ पूरे परिवार का सहयोग एक अहम भूमिका निभाता है।
धन्यवाद
अनुपमा वर्मा ✍️✍️