कहते समय सही चल रहा हो तो सब ठीक रहता और समय ठीक न हो तो कुछ भी ठीक नहीं रहता है।
समय पर ही निर्भर रहना या न रहना ये भी एक मुद्दा है जैसे कल आज और कल में अर्थात जो कल समय बीत गया उसको लेकर पछताना पड़े तो रोना नहीं, आज के समय में जियो ताकि कल आने वाला समय अच्छा हो।
जैसे कल का कार्य आज पर छोड़ना नहीं उसे आज ही पूर्ण कर लो ताकि आने वाले कल के समय में पछताना न पड़े।
इसी प्रकार शब्द का प्रयोग सोच समझ कर करें ताकि बाद में पछताना न पड़े क्योंंकि बोले गए शब्द तीर की तरह होते हैं जो कमान से निकलने के बाद वापस नहीं आते। इसलिए सोचे विचारे और फिर बोले।