20/6/22
प्रिय डायरी,
आज मैंने शब्द.इन पर दुनिया एक है पर कविता लिखी है।
दुनिया एक ही होती है किन्तु इसके बाशिंदे अलग अलग प्रकृति के होते हैं। कोई सीधा सरल, कोई टेड़ा मेंड़ा, कोई क्रूर तो कोई हिंसक होता है।
कोई छोटी छोटी बातों को गौर करता है और सुन समझ कर उनपर अमल करता है। छोटी छोटी बातों को गौर करने वाली नहीं है उनको नजरअंदाज कर देता है और कोई छोटी छोटी बातों पर क्रोधित हो जाता है।
दुनिया में खुशियां अपार मिलती है अगर आपका मन छोटी छोटी बातों में खुश हो जाता है और आप अंदर से अशांत तो आप दुःखी होते हैं। अगर गौर नहीं करते हैं तो दुःखी नहीं होते हैं।
कभी कभी लाख कोशिश के बावजूद बातों को नज़र अंदाज़ नहीं कर पाते और अंदरुनी अशांत हो जाते हैं और उन बातों को कह भी नहीं पाते क्योंंकि उन्हें कहना उचित नहीं लगता।
दुनिया में अनेक भाषाएं बोली जाती है और एक इंसान के बस की बात नहीं कि उसे सारी भाषाओं का ज्ञान हो।हम जब दूसरे भाषी राज्यों और प्रांतों में जाते हैं और वहां के लोगों के संपर्क में आते हैं तो उनकी भाषाओं को समझने का प्रयास करते हैं। यही मानव जीवन की कहानी है कि दूसरों को समझो और वह भी तुम्हें समझे।
धन्यवाद
अनुपमा वर्मा ✍️✍️