लखनऊ: गृह मंत्रालय को भेजी इंटेलीजेन्स ब्यूरो की एक गोपनीय रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि बाजार से नमक गायब होने की अफवाह केंद्र सरकार को बदनाम करने की सुनियोजित साज़िश थी. इस साज़िश का मकसद बड़े पैमाने पर अलग अलग शहरों में अफरा तफरी का माहौल पैदा करना था.रिपोर्ट में कहा गया है की ये साज़िश कानपुर से शुरू होकर यूपी और उत्तराखंड के मुस्लिम इलाक़ों में फैलाई गयी और फिर शुक्रवार की रात दिल्ली के सीलमपुर इलाके में जानबूझकर एक प्रोविज़न स्टोर चैन को नमक के नाम लूटने की कोशिश की गयी.
दिल्ली के माल के लूट का विडियो फिर पश्चिमी उत्तरप्रदेश के कई इलाकों में एक साथ वायरल किया गया. इसका असर मुज़फ्फरनगर से लेकर अलीगढ तक देखा गया है. सूत्रों के मुताबिक आयी बी रिपोर्ट में संकेत दिए गए हैं की इस साज़िश के पीछे एक राजनैतिक दाल का हाथ है जो यूपी और उत्तराखंड के चुनाव में हाथ सेकना चाहती है. अफवाह फ़ैलाने का मकसद मोदी सरकार की किरकिरी करना था और कालेधन पर हुई करवाई से परेशान लोगों को उकसाना था. अलीगढ जैसे शहर में जहाँ हाल ही में दो मुस्लिम और एक हिन्दू युवक की हत्या के बाद बड़ा दंगा होने से बचा था वहां एक बार फिर नोटबंदी के बहाने माहौल ख़राब करने की कोशिश है.
आई बी रिपोर्ट में कहा गया है की मुस्लिम इलाकों को इसलिए चुना गया क्योंकि वहाँ बीजेपी की कार्रवाई को लेकर सनसनी मचाना ज्यादा आसान है.
फिलहाल आईबी इस मामले में जांच का दायरा आगे बढ़ा रही है. सूत्रों के मुताबिक पूरे घटनाक्रम को देखकर आई बी ने कुछ मोबाइल नंबरों की सिरीज़ ट्रेस की है जिनके जरिये संगठित रूप से अफवाह को यूपी से लेकर उत्तराखंड के कई शहरों तक फैलाया गया. सूत्रों के मुताबिक नमक के तुरंत बाद चीनी को लेकर भी अफवाह फैलाने की साज़िश रची गयी थी. बहरहाल दिल्ली , उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के पुलिस प्रमुखों को आगाह किया गया है कि सभी ज़िलों के एसएसपी को निर्देश दें की वो बड़े प्रोविज़न स्टोर से लेकर मुख्य बाज़ारों तक निगरानी बढ़ाएं. इसी तरह भारी जनसँख्या वाले इलाकों में स्थित बैंकों में अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती के लिए भी कहा गया है.