नई दिल्लीः हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार रिटायर्ड अफसरों पर मेहरबान है। राज्य के प्रशासन को पारदर्शी और जवाबदेह बनाने के लिए गठित गवर्नेस रिफार्म अथॉरिटी में रिटायर्ड अधिकारियों को अहम जिम्मेदारी सौंपी गई है। बता दें पूर्व मुख्यमंत्री चौ. बंसीलाल के कार्यकाल में शराबबंदी पर सर्वे करने वाले इंस्टीट्यूट फॉर डेवलपमेंट एंड कम्युनिकेशन चंडीगढ़ के अध्यक्ष प्रो. प्रमोद कुमार की अगुवाई में यह अथॉरिटी पांच साल काम करेगी।
पंजाब काडर के IPS अधिकारी पूर्व डीजीपी एसके शर्मा को भी अथॉरिटी में सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। एसके शर्मा पंजाब के अलावा हिमाचल में भी वीरभद्र सिंह की सरकार में डीजीपी रह चुके हैं। आइडीसी निदेशक (रिसर्च-जैंडर स्टडीज) डॉ. रेणुका डागर को भी सदस्य बनाया गया है। अथॉरिटी के सरकारी सदस्यों में मुख्यमंत्री मनोहर लाल के प्रधान सचिव राजेश खुल्लर और ओएसडी नीरज दफ्तुआर शामिल रहेंगे।
अथॉरिटी में हुड्डा के कार्यकाल में मुख्य सचिव रहे पीके चौधरी और रिटायर्ड न्यायमूर्ति बीबी परसून वाइस चेयरमैन बनाए गए हैं। सदस्यों के रूप में पीजीआइ चंडीगढ़ के पूर्व निदेशक और भारतीय चिकित्सा परिषद के पूर्व चेयरपर्सन प्रो. केके तलवार को शामिल किया गया है। सिरसा जिले के रहने वाले 1983 बैच के उत्तर प्रदेश के रिटायर्ड आइएएस हरभजन सिंह को भी अथॉरिटी में शामिल किया गया है। हरभजन सिंह 2013 में रिटायर्ड हुए थे और केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रलय की राष्ट्रीय उत्पादकता परिषद के डायरेक्टर जनरल रह चुके हैं।
अथॉरिटी के चेयरमैन प्रो. प्रमोद कुमार का कहना है कि जवाबदेही प्रशासन, भ्रष्टाचार मुक्त व्यवस्था और सुशासन की दिशा में काम किया जाएगा। यदि सरकार उनकी सिफारिशें नहीं मानेगी तो उन्हें इस पद से अलग होने में भी गुरेज नहीं होगा।