नई दिल्ली : 500 और 1000 के नोट बंद किये जाने के बाद अब भी लोगों के पास 500 और 2000 के नए नोट मुश्किल से आ रहे हैं। अभी ज्यादातर 100 रूपये के ही नोटों का इस्तेमाल हो रहा है। इन नए नोटों में भी तमाम तरह की गड़बड़ियां दिख रही हैं। नोट छापने की जिम्मेदारी आरबीआई की होती है लेकिन नए नोट छापने में केंद्र सरकार आरबीआई से बड़ा रोल अदा कर रही है। एक रिपोर्ट की माने तो नए नोटों में आरबीआई के पास अभी सिर्फ 2000 का नोट छापने की जिम्मेदारी है जबकि 500 के नोटों को छापने की जिम्मेदारी सरकार के हाथों में है।
आरबीआई की कर्नाटक और मैसूर प्रेस में 2000 के नोटों की छपाई चल रही है। मध्य प्रदेश के देवास और महाराष्ट्र के नासिक में स्थित सरकारी प्रेस में 500 के नोट छापे जा रहे हैं। 500 के नोटों की छपाई काफी देर से शुरू हुई इसलिए इनकी आपूर्ति अब तक सामान्य नहीं हो पा रही है।
मैसूरू प्रेस ने तो 2,000 के नोटों की छपाई काफी पहले शुरू कर दी थी लेकिन 500 के नॉट बाद में छापने शुरू हुए। आरबीआई का एक और छापाखाना पश्चिम बंगाल के साल्बोनी में हैं लेकिन वहां सिर्फ 100 के नॉट छापे जाते हैं। आरबीआई सूत्रों के अनुसार ‘अब दो तरह की विपरीत स्थितियां बन सकती हैं। पहली तो ये कि 500 के नोटों की तुलना में 2,000 के नोट अधिक संख्या में चलन में आ जाएं। दूसरी बात यह हो सकती है कि लोग छोटे, खासतौर पर 100 रुपए के नोटों को अपने पास रोकना शुरू कर दें।