नई दिल्लीः शीला दीक्षित को उम्मीद नहीं थी कि मुख्यमंत्री पिता की राजनीति क विरासत संभालने से लेकर बतौर प्रदेश अध्यक्ष सूबे में संगठन को मजबूत करने के लिए दिन-रात जो खून-पसीना बहाया, जब चुनाव का मौका आएगा तो वह एक झटके में शीला दीक्षित के हवाले हो जाएगा। भाजपा में शीला दीक्षित के जाने की खबरें जो उड़ रहीं हैं, वह पूरी तरह बकवास नहीं है। कांग्रेस नेता भी यह स्वीकार करते हैं कि रीता राहुल और सोनिया से नाराज हैं, आखिर क्यों उन्हें यूपी में सीएम का चेहरा नहीं बनाया गया।
दिल्ली में डटीं हैं रीता बहुगुणा
रीता बहुगुणा जोशी इन दिनों लखनऊ छोड़कर दिल्ली में जुटी हैं। करीबियों से बताया गया है कि उनकी तबीयत खराब है और वे इलाज कराने के मकसद से राष्ट्रीय राजधानी हैं। मगर भाजपा और कांग्रेस नेताओं का एक धड़ा बता रहा है कि नाराजगी के कारण रीता बहुगुणा जोशी कांग्रेस से बाहर जाने का मूड बना चुकी है। उनकी नजर में भाजपा की लहर है और वे भी इस लहर की सवारी करना चाहती हैं। कारण कि यूपी में कांग्रेस की भले ही सेहत सुधर जाए मगर पार्टी सत्ता में आने की स्थिति में हो, ऐसा पार्टी को भी भरोसा नहीं। ऐसे में रीता को भाजपा में जाना ज्यादा मुफीद लग रहा है। अगर भाजपा की सरकार बनेगी तो वे मंत्री भी बनाई जा सकेंगी।
परिवर्तन यात्रा में नजर आ सकती हैं रीता
यूपी के बड़े भाजपा नेता ने इंडिया संवाद को बताया कि रीता बहुगुणा जोशी मोदी और शाह से मुलाकात करने में लगीं हैं। जैसे ही उनकी सदस्यता पर भाजपा का शीर्ष नेतृत्व फैसला करता है तो रीता के अनुभव को देखते हुए बड़ी जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। आगामी पांच नवंबर से शुरू होकर परिवर्तन यात्रा 25 दिसंबर तक चलेगी। ऐसे में अगर बात बनी तो रीता बहुगुणा यूपी में भाजपा के बैनर तले परिवर्तन यात्राओं का संचालन करतीं नजर आएंगी।
भाई ने खबरों को बताया अफवाह
डॉ. रीता बहुगुणा जोशी के भाजपा में जाने की चर्चा को उनके भाई शेखर बहुगुणा ने अफवाह करार दिया है। शेखर ने कहा है कि दिल्ली में रीता बहुगुणा का इलाज चल रहा है। पिछले सप्ताह वे दिल्ली आईं तो तबीयत खराब हो गई। अस्थमा और वायरल फीवर के कारण इलाज चल रहा है। डॉक्टरों ने पूरी तरह से बेडरेस्ट की सलाह दी है। इसी नाते बाहर नहीं निकल रहीं हैं।