
नई दिल्ली: सुनने में भले ही अजीब लगे लेकिन ये सच है रियो ओलंपिक्स में वेटलिफ्टिंग में ईरान के बेहदाद सलीमी ने वर्ल्ड रिकॉर्ड बना दिया लेकिन उन्हें मेडल नहीं मिला. उन्होंने एक बार में सबसे ज़्यादा भार उठाने का रेकॉर्ड क़ाएम करते हुए 216 किलोग्राम भार उठाया लेकिन क्लीन एंड जर्क में ज्यूरी के एक विवादास्पद फ़ैसले में उन्हें अयोग्य क़रार दिया गया जिसके कारण वे रियो ओलंपिक में विश्व रेकॉर्ड बनाने के बाद भी मेडल नहीं जीत सके।
जजों के विवादास्पद फ़ैसले
बेहदाद सलीमी ने एक बार में 216 किलोग्राम भार उठाकर जॉर्जिया के लाशा तलाख़ादज़े का रेकॉर्ड तोड़ा जिन्होंने कुछ ही देर पहले रियो डी जनेरो के पवेलियन-2 में नया विश्व रेकॉर्ड बनाया था लेकिन अंतिम नतीजे में ज्यूरी ने बेहदादी सलीमी द्वारा क्लीन एंड जर्क में उठाए गए वजन को स्वीकार नहीं किया। क्नीन एंड जर्क चरण में ईरानी भारोत्तोलक बेहदाद सलीमी ने 245 किलोग्राम उठाया किन्तु जजों ने उनके ख़िलाफ़ 2 रेड लाइट जारी की। जजों के इस विवादास्पद फ़ैसले के ख़िलाफ़ ईरानी टीम ने आपत्ति दर्ज करायी। दूसरी बार की कोशिश में भी बेहदाद सलीमी ने 245 किलोग्राम भार उठाया और जजों की ओर से 3 सफ़ेद लाइट जारी किए जाने के बाद भी न्यायिक समिति ने नतीजे को स्वीकार नहीं किया। तीसरी बार की कोशिश में बेहदाद सलीमी बारबेल उठाने में नाकाम हो गए।
लंदन ओलंपिक्स जीत चुके हैं मेडल
बता दें कि बेहदाद सलीमी ने 2012 के लंदन ओलंपिक्स में गोल्ड मेडल जीता था। ईरान के बेहदाद सलीमी के नाम कई रिकॉर्ड हैं लेकिन ऐसा पहली बार हुआ है। जब कोई रिकॉर्ड बनाने के बावजूद भी उन्हें कोई मेडल ना मिला हो।