नई दिल्ली: रियो पैरालंपिक में भारत को एक और बड़ी कामयाबी मिली है। भारत की दीपा मलिक ने शॉट-पट में रजत पदक जीत लिया है। दीपा ने 4.61 मीटर तक गोला फ़ेंका और दूसरे स्थान पर रहीं। पैरालिंपिक खेल ों में मेडल जीतने वाली दीपा पहली भारतीय महिला बन गई हैं। दीपा मलिक के पदक के साथ भारत के इस पैरालंपिक में तीन पदक हो गए हैं। 36 साल की दीपा मलिक ने 4.61 का स्कोर बनाया और वे दूसरे स्थान पर रहीं। पहले स्थान पर फातिमा नेधाम रहीं जिनका स्कोर 4.76 रहा। दिमित्रा कोरोकिदा ने 4.28 का स्कोर बनाकर ब्रांज मेडल हासिल किया।
दीपा कमर के नीचे पूरी तरह से पैरालाइज्ड हैं। उनके पति एक आर्मी ऑफिसर हैं और उनके दो बच्चे भी हैं। 17 वर्ष पहले दीपा की जिंदगी पूरी तरह से बदल गई जब स्पाइनल ट्यूमर की वजह से उनका चलना-फिरना तक बंद हो गया। शॉर्टपुट के अलावा दीपा ने जैबलीन थ्रो, स्वीमिंग जैसे खेल में भी हिस्सा लिया था इसके वो एक बेहतर वक्ता भी हैं। दीपा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीमिंग में मेजड जीत चुकी हैं। बता दें 1999 में वह स्पाइनल ट्यूमर से जूझ रही थीं। इसके लिए तीन बार उनकी सर्जरी हुई। कंधे पर 183 टांके आए और इसके बाद वह कमर के नीचे लकवाग्रस्त हो गईं। लेकिन इसके बाद भी वह न रुकीं और न ही उन्होंने हिम्मत हारी।
45 साल की दीपा हरियाणा से हैं दीपा का जन्म हरियाणा के भैसवाल में हुआ और साल 2012 में उन्हें अर्जुन पुरस्कार से नवाज़ा गया था. दीपा ने राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय स्तर पर कई मेडल जीते हैं. वो शॉट-पट के अलावा, जैवलिन थ्रो और मोटर साइकलिंग जैसे खेलों में भी खूब बढ़-चढ़कर हिस्सा लेती हैं. दीपा से पहले इन्हीं पैरालिम्पिक खेलों की हाई जम्प प्रतियोगिता में भारत गोल्ड और ब्रॉन्ज मेडल जीत चुका है। दीपा मलिक एक रेस्टोरेंट संचालिका, रैली कार ड्राइवर और तैराक भी हैं। लेकिन एक बात जो उन्हें ख़ास बना देती है वो ये है कि दीपा ये सारे काम व्हील चेयर पर बैठे हुए करती हैं।