लखनऊः अपने परिवार में मुलायम सिंह भले सब कुछ शांत होने का दावा करें मगर ऐसा कुछ हकीकत में नहीं है। अंदरखाने जंग जारी है। राष्ट्रीय महासचिव पद से पार्टी से निकाले गए प्रो. रामगोपाल यादव के बेटे अक्षय यादव की ओर से इटावा, फिरोजाबाद और सैफई में जगह-जगह लगाए गए सैकड़ों पोस्टर चर्चा में हैं। जिस पर मोटे-मोटे अक्षरों में टैगलाइन है-हमारा लक्ष्य अखिलेश यादव मुख्यमंत्री हों दोबारा। हालांकि यह पोस्टर अक्षय यादव की ओर से ही लगाए गए हैं, यह कोई पुष्टि नहीं कर रहा। मगर निवेदक के तौर पर जरूर अक्षय का नाम दर्ज है।
न सपाई कलर न ही अखिलेश के अलावा किसी का चेहरा
इटावा में सड़कों के किनारे लगे पोस्टर कई मायने में खास हैं। एक तो पोस्टर में सपाई झंडे का हरा और लाल रंग गायब है। दूसरा इसमें अखिलेश यादव के अलावा किसी की फोटो नहीं लगी है। यह पोस्टर सांसद अक्षय यादव के संसदीय इलाके फिरोजाबाद के साथ मुलायम के गृह जिले इटावा में लगवाए गए हैं।
इटावा। समाजवादी परिवार में भले ही सब कुछ ठीक होने का दावा किया जा रहा हो लेकिन अभी भी मुलायम कुनबे में मची रार थमने के आसार नज़र नहीं आ रहे हैं। इटावा जनपद में रातों-रात लगाए गए कुछ पोस्टरों से एक बार फिर कौतूहल पैदा हो गया है। दरअसल, 'हमारा लक्ष्य श्री अखिलेश यादव मुख्यमंत्री हों दोबारा' इस टैगलाइन से प्रमुख चौराहे पर पोस्टर लगाए गए हैं। रातों-रात लगाए गए इन पोस्टरों के बारे में किसी को कुछ भी पता नहीं है लेकिन इन पोस्टरों के सामने आने के बाद चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है।
अखिलेश को किसी झंडे की जरूरत नहीं
सांसद अक्षय टीम के सदस्य अनुज दीक्षित ने बातचीत में कहा कि अखिलेश यादव लोकप्रिय नेता हैं, उन्हें किसी झंडे या किसी रंग की जरूरत नहीं है। इस नाते पोस्टर में सपाई झंडे की छाप नहीं है। उन्होंने कहा कि अखिलेश खुद में रंग भी हैं और झंडा भी। उधर समाजवादी पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष राजीव यादव ने कहा कि पोस्टर की डिजाइन पर सवाल उठाने की कोई जरूरत नहीं है। अखिलेश यादव मुख्यमंत्री के संवैधानिक पद पर हैं। उन्हें किसी दल से ही जोड़कर नहीं देखा जा सकता।