नई दिल्लीः आम आदमी पार्टी से नाराज होने पर निष्कासित चल रहे सांसद हरिंदर सिंह खालसा ने पंजाब चुनाव से पहले ही पार्टी की हार की घोषणा कर दी है। दो दूक कह दिया है कि उत्तर प्रदेश और बिहार से संबंध रखने वाले नेताओं के दम पर पंजाब के चुनावी मैदान में आम आदमी पार्टी उछल-कूद रही है। सारी ताकत संजय सिंह और दुर्गेश पाठक के हाथ में केंद्रित है। इतिहास गवाह है कि बाहरी नेताओं को पंजाबियों ने कभी भी मुंह नहीं लगाया । उन्हें उम्मीद है कि राज्य के विधानसभा चुनाव में पंजाबी लोग संजय सिंह व दुर्गेश जैसे यूपी-बिहारी पृष्ठिभूमि वाले लोगों को मुंह तोड़ जवाब देंगे। ऐसा सबक सिखाएंगे कि बाहरी नेता मुंह दिखाने लायक नहीं रहेंगे।
टिकट वितरण में पंजाब इकाई से कोई सलाह नहीं
अकाली दल से 2014 में आप में आकर पंजाब के फतेहगढ़ साहिब से सांसद हुए खालसा ने कहा कि कोई राष्ट्रीय पार्टी भी अगर किसी राज्य में चुनाव लड़ती है तो टिकट के बारे में वहां की प्रदेश इकाई से जरूर चर्चा करती है। बैठकर टिकट तय होता है। मगर पंजाब चुनाव में पंजाब इकाई को केजरीवाल ने दरकिनार कर अपने करीबियों के इशारे पर टिकट बांटना शुरू कर दिया। संजय सिंह और दुर्गेश पाठक जैसे बाहरी नेताओं के आगे पंजाब संयोजक होने के बाद भी सु्च्चा सिंह छोटेपुर का कोई वजूद ही नहीं रहा। जब पंजाब की जनता के मन से उम्मीदवार ही नहीं उतरेगा तो जीत कैसे होगी।
बाहरी लोगों की पार्टी का नहीं मिटेगा टैग
आम आदमी पार्टी के असंतुष्ट सांसद हरिंदर सिंह खालसा ने कहा कि पंजाब की जनता में यह संदेश पहुंच गया है कि इसमें स्थानीय नेताओं की नहीं चल रही है। बाहर से आए संजय सिंह और दुर्गेश पाठक ही सब कुछ चला रहे हैं। अब जाकर जरनैल सिंह को को-इंचार्ज बनाया कर संदेश देने की कोशिश है कि पंजाबियों को आप तवज्जो दे रही है। मगर, जरनैल सिंह को तो पंजाब संस्कृति की जानकारी ही नहीं है। वह दिल्ली से ताल्लुक रखता है। वहां भी उसका कोई वजूद नहीं। केवल पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम पर जूता फेंक दिया ता तो शोहरत मिल गई। यही इतनी योग्यता है।