नई दिल्लीः आम आदमी पार्टी की सक्रियता से अकाली दल के जिन नेताओं की काफी दिनों नींद उड़ी थी, अब वे दो दिन से काफी खुश देखे जा रहे हैं। इसका माजरा समझने को लोग तरह-तरह की अटकलें लगा रहे थे। इस बीच पार्टी के सांसद व थिंक टैंकर सुखदेव सिंह ढींढसा ने खुशी के सबब का खुलासा भी कर दिया। बोले कि 2017 के चुनाव में सिर्फ अकाली दल कम से कम 60 सीटें झटककर सूबे में जीत की हैट्रिक लगाने जा रही है। पार्टी के आंतरिक सर्वे में फिर से जीत के संकेत मिले हैं। 2012 के नतीजे गठबंधन दोहराने को तैयार है। इसी के साथ लोगों को अकाली दल व बीजेपी नेताओं की खुशी का माजरा भी समझ में आ गया। 2012 के चुनाव में 117 सीटों वाले पंजाब में अकाली दल-भाजपा गठबंधन को 68 सीटें मिलीं थीं। जबकि कांग्रेस को 46 व अन्य को तीन सीटों से संतोष करना पड़ा था।
आप की कलह से अकाली दल को फायदा
अकाली दल के राज्यसभा सांसद सुखदेव सिंह ने कहा है कि इस साल की शुरुआत में आम आदमी पार्टी ने बड़े आक्रामक तरीके से चुनाव कैंपेन शुरू किया तो अकाली दल को कुछ बेचैन हुई। मगर बाद में आप नेता गलतियां करने लगे। गलत लोगों को पार्टी में रखने लगे तो स्थानीय बनाम बाहरी की लड़ाई भी छिड़ गई। आप को अब अपने अंदर की कलह रोकने में जूझना पड़ रहा है। ऐसे में अकाली दल को फायदा मिल रहा। भाजपा के खिलाफ पंजाब की कुछ सीटों पर जनता में नाराजगी के सवाल पर बोले कि कुछ सीटों पर भाजपा के खिलाफ ऐसा माहौल होने की खबरे हैं। मगर, पांच-छह महीने चुनाव है। ऐसे में सहयोगी दल भाजपा स्थिति दुरुस्त कर लेगी।
आप के आने से त्रिकोणीय हुई लड़ाई
शिरोमणि अकाली दल सांसद ढींढसा ने कहा कि पहले हमारा मुकाबला सिर्फ कांग्रेस से था। मगर पंजाब में आम आदमी पार्टी के आने से अब लड़ाई त्रिकोणीय हो गई है। जिससे चुनाव लड़ने में और मजा आ गया है। इसका लाभ भी अकाली दल-भाजपा गठबंधन को मिल रहा है।
2012 में लोग कहते थे हम हारेंगे और हम जीते
सांसद ढींढसा ने कहा कि हर बार लोग कुछ न कुछ कुछ नकारात्मक बातें उड़ाते हैं। 2012 का विधानसभा चुनाव रहा तो भी लोग भाजपा-अकाली दल गठबंधन के हार की घोषणा कर रहे थे। मगर नतीजा आया तो सब कुछ उलटा रहा। इसी तरह 2017 के चुनाव में भी जीत दर्ज कर हम आलोचकों को करारा जवाब देंगे।