नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में आगामी आठ मार्च को विधानसभा के लिए वोट डाले जायेंगे। छह मार्च को चुनाव प्रचार ख़त्म होने से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी यहाँ तीन बड़ी रैलियां करेंगे। चार, पांच और छह मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वाराणसी में रैलियां होंगी। कहा जा रहा है कि वाराणसी जिले की आठ विधानसभा सीटों के लिए बीजेपी की जीत का जिम्मा अब प्रधानमंत्री मोदी के कन्धों पर है, वैसे वाराणसी प्रधानमंत्री का संसदीय क्षेत्र भी है और यहाँ लोकसभा चुनाव जीतने के बाद से उनका ख़ास ध्यान रहा।
लेकिन कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि बीजेपी के सभी कार्यकर्ता घर बैठे हुए हैं और केंद्रीय मंत्री प्रचार कर रहे हैं। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कुछ दिनों से वाराणसी में डेरा जमाया हुआ है। समाजवादी और कांग्रेस गठबंधन का आरोप है कि प्रधानमंत्री ने अपने संसदीय क्षेत्र के लिए जो वादे किये थे वह पूरे नही पाए इसलिए वाराणसी में प्रधानमंत्री को तीन-तीन रैलियां करनी पड़ रही है।
सूत्रों की माने तो वाराणसी में हालात वाक़ई बीजेपी के अनुकूल नही हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पहले वाराणसी में सिर्फ एक रैली करने वाले थे लेकिन अमित शाह ने जो जमीनी रिपोर्ट तैयार की उसमे भाजपा की स्थिति वाराणसी में निराशाजनक सामने आयी। वाराणसी की इसी स्थिति को समझते हुए राहुल गाँधी और अखिलेश यादव यहाँ एक बड़ा रोड शो करेंगे। संयोग से जिस दिन पीएम मोदी अपनी रैली करेंगे उसी दिन अखिलेश और राहुल गाँधी भी वाराणसी में शक्ति प्रदर्शन करेंगे।
कहा जा रहा है कि बीजेपी कार्यकर्ता भी इस बार यहाँ बेहद नाराज हैं। उदाहरण के लिए वाराणसी कैंट सीट पर बीजेपी ने सौरभ श्रीवास्तव को टिकट दिया है। इस सीट से सौरभ के माता-पिता विधायक कई बार रह चुके हैं। कार्यकर्ता नाराज़ हैं कि पार्टी ने परिवारवाद को चुना उनके मन की बात नहीं सुनी। अमित शाह के करीबी बताते हैं कि भाजपा ने नाराज़ नेताओं को तो मना लिया गया है अब वोटरों को मनाने के लिए खुद प्रधानमंत्री और इस इलाके के सांसद नरेंद्र मोदी आ रहे हैं।