नई दिल्ली : हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार अब लगता है नाम बदलने का रिकॉर्ड बनाना चाहती है। कुछ समय पहले गुड़गाँव का नाम बदलने के बाद अब हरियाणा सरकार सिंधु घाटी सभ्यता का नाम बदलने की तैयारी कर रही है। मुख्यमंत्री खट्टर की नेतृत्व में हुई हरियाणा सरस्वती हेरिटेज डेवलपमेंट (HSSDB) की बैठक में रखे गए प्रस्तावों में सिंधु घाटी सभ्यता का नाम बदले के प्रस्ताव को भी शामिल किया गया। इस प्रस्ताव को मंजूरी के लिए राज्य सरकार के पास भेजा गया है।
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, हरियाणा सरकार सिंधु घाटी सभ्यता का नाम बदलकर सरस्वती नदी सभ्यता रखे जाने का प्रस्ताव है। HSSDB की जिस बैठक में यह प्रस्ताव रखा गया है उसकी बोर्ड के चेयरमैन खुद सीएम मनोहर लाल खट्टर है। आपको बता दें कि इससे पहले हरियाणा सरकार ने गुड़गांव का नाम बदलकर गुरुग्राम रखा था। हरियाणा सरकार ने इसी साल कुरुक्ष्ोत्र यूनीवर्सिटी में सरस्वती महोत्सव का आयोजन किया था और इसमें देश-विदेश से इतिहासकारों और प्रोफेसरों को बुलाया गया था।
विधानसभा सत्र के दौरान बुधवार को सरकार ने इस मुद्दे को चर्चा के लिए उठाया है लेकिन विपक्ष ने इसका जमकर विरोध किया। कांग्रेस का कहना है कि सरस्वती नाम की जिस नदी पर पानी डाला जा रहा है उसका स्त्रोत क्या है? क्या सरकार केवल दिखावे के लिए उस नदी में ट्यूबवेल का पानी डाल रही है।
HSSDB बोर्ड ने सरकार को जो प्रस्ताव भेजा है उसमें कहा है कि वह एक काल्पनिक कथा नहीं है बल्कि उसका वास्तविकता में अस्तित्व है। इसलिए सिंधु घाटी सभ्यता का नाम बदलकर सरस्वती नदी सभ्यता रखा जाना चहिए। वहीं हरियाणा सरकार का दावा है कि सात महीने पहले पुरातत्व विभाग की खुदाई में सरस्वती नदी के अस्तित्व का पता चल चुका है। सरकार का कहना है कि खुदाई वाले स्थल पर पानी भी छोड़ कर नदी की धारा को पहचानने का काम किया था।