चंडीगढ़ : पंजाब के विधानसभा चुनाव इस बार सत्ताधारी शिरोमणि अकालीदल के लिए एक कठिन चुनौती बनकर उभर रहे हैं। सत्ताधारी बादल परिवार के लिए यह सबसे बड़ी चुनौती है। तकरीबन 90 साल के हो चुके प्रकाश सिंह बादल के लिए यह चुनाव अपने राजनीति क पड़ाव का अहम हिस्सा भी है। बादल की राजनीतिक विरासत को सँभालने के लिए उनके बेटे सुखबीर सिंह बादल मौजूद है लेकिन परनीत कौर को शायद ही कोई जानता होगा। परनीत कौर आज तक कभी राजनीति में सक्रिय नही रही लेकिन अपने पूरे जीवन में पहली बार वह प्रचार के लिए मैदान में उतरी हैं।
पंजाब में इस बार अपने पिता और भाई के खिलाफ चल रही सत्ता विरोधी लहर (एंटीइंकंबेंसी) से निपटने के लिए परनीत को सड़कों पर आना पड़ा है। उनके भाई पंजाब डिप्टी सीएम सुखबीर सिंह बादल भले ही प्रचार पर निकलने से पहले करोड़ों की कार और गनरों से लैस टीम के साथ निकलते हों लेकिन परनीत कौर अपनी मारुती डिजायर गाडी और हाथ में एक साधारण सा मोबाइल लेकर से सडकों पर अपने पिता की पार्टी के लिए प्रचार कर रही हैं।
परनीत अपने पति आदेश प्रताप कैरों के निर्वाचन क्षेत्र पट्टी में घूम रही हैं। परनीत कहती हैं कि उनकी राजनीति में आने की इच्छा कभी नही रही लेकिन वह 20 साल में पहली बार अपने पति और अकालीदल के लिए प्रचार करेंगी। वह आज भी वह अपने ससुर और पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रताप कैरों के 120 साल पुराने घर को संभालती हैं। परनीत कहती हैं कि हम दोनों भाई-बहन (सुखबीर सिंह बादल और वो) एकदम अलग हैं। सुखबीर एक अच्छा दोस्त है। वह कुछ दिन पहले हमारे गांव कैरों आये थे।
परनीत कहती हैं कि ''मैं हमेशा अपनी जिंदगी में खुश रहने वाली इंसान हैं। मैं सार्वजानिक जीवन के चकचौंध से हमेशा दूर रही हूँ। मैं कभी सार्वजनिक जीवन के तौर पर सामने भी नही आती। मैं शर्मीली हूँ लेकिन मेरे पिताजी के साथ मेरे बंधन बहुत भावुक हैं''। वह कहती हैं ''मैं स्वयं के लिए पहले हूँ जबकि एक सीएम की बेटी और और एक मंत्री की पत्नी बाद में हूँ''।
परनीत कहती हैं कि वह पट्टी में सामजिक सेवा के अभियानों में भाग लेना पसंद करती हैं। ''मुझे नही लगता कि मेरे पिता को हमारे प्रचार की जरूरत है, वह हमारे लिए प्रचार कर रहे हैं। बल्कि हमें उनके नाम पर वोट मिलता है''। परनीत कहती हैं कि ''मेरे 90 साल के पिता 10 युवाओं से ज्यादा हार्डवर्क कर सकते हैं''। परनीत कहती हैं कि वह ''अपने धर्म को बहुत गंभीरता से लेते हैं। वह आज भी अपने पिता से किसी उपहार का आदान प्रदान नही करती हैं। वह कभी मेरे या सुखबीर के स्कूल तक में नही आये, उन्होंने हमेशा पंजाब को आगे रखा''।
अपने क्षेत्र पट्टी के डेवलपमेंट को लेकर वह कहती हैं कि "आज हमारे पास 10 करोड़ का स्टेडियम है। फिरोजपुर जाने के लिए अच्छी सड़क है जो माझा और मालवा को भी जोड़ती हैं। यहाँ एक फूड पार्क और एशिया का सबसे बड़ा गोदाम है''। परनीत अंत में कहती है कि ''कैरों परिवार की विरासत को नही भूल सकती। मैं खुद को धन्य समझती हूँ कि मैं कैरों और बादल परिवार का हिस्सा हूँ''।