नई दिल्लीः छह साल की बेटी आरना ने जब शहीद हुए सीआरपीएफ के कमांडेंट पिता प्रमोद कुमार के शव को मुखाग्नि दी तो लोगों की आंखें छलक उठीं। आंखों के सामने पिता की अर्थी देख मासूम की आंखें रोए जा रहीं थीं। मंगलवार को श्रीनगर से झारखंड के मिहिजाम स्थित घर शव लाया गया। तब राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। जामताड़ा के डिप्टी कमिश्नर रमेश कुमार दुबे और एसपी मनोज कुमार सिंह ने मिहिजाम पहुंचकर शहीद के परिवार को दिलासा दी।
दो को मारकर शहीद हुए प्रमोद
सुबह 8.29 बजे तिरंगा फहराने के बाद उन्होंने जवानों को संबोधित किया। आतंकियों और पत्थरबाजों का डटकर मुकाबला करने की बात कही। इसके बाद 9.29 पर आतंकियों से मुठभेड़ शुरू हुई तो खुद अगुवाई करने लगे। दो आतंकियों को मार गिराया। मगर एक गोली सिर में लगने पर वे गंभीर रूप से घायल हो गए। आखिर में उन्हें बचाया नहीं जा सका।
पत्नी से बोले थे एक दिन शौर्य चक्र मिलेगा
शहीद कमांडेंट प्रमोद कुमार ने घटना से पूर्व की रात इंजीनियर पत्नी नेहा त्रिपाठी से बात की थी। कहा था कि देश उनके लिए मां है। वो जान देने से भी पीछे नहीं हटेंगे। एक दिन उन्हें बहादुरी के लिए शौर्य चक्र जरूर मिलेगा। इस दौरान उन्होंने छह साल की बेटी आरना का डांस वीडियो भी देखा था।