नई दिल्ली : जनता जब चुनाव में किसी प्रत्याशी को चुनती है तो उनकी उम्मीदों पर खरा उतरना उस प्रत्याशी के लिए सबसे बड़ी चुनौती होती है। देश की विधानसभाओं में आज़ादी के बाद भी कई नेता विधायक बनकर आये और पांच साल बाद जनता ने फिर उन्हें सड़क पर ला दिया। केएम मणि केरल के एक मात्र ऐसे राजनीति ज्ञ हैं जिन्होंने केरल विधानसभा में विधायक के रूप में 50 साल पूरे कर लिए हैं।
केएम मणि हर बार कोट्टायम विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए। मणि ने अपना रणनीतिक करियर कांग्रेस के साथ शुरू किया लेकिन बाद में उन्होंने खुद की पार्टी बना ली। उनकी पार्टी 'केरल कांग्रेस मणि' का वामपंथी मोर्चा यूडीएफ के साथ भी गठबंधन रहा। अब उन्होंने यूडीएफ से नाता तोड़कर अपने पांच विधायकों के साथ विधानसभा में स्वतंत्र रूप से रहने का फैसला किया है।
केरल में 'मणि सर' के नाम से मशहूर केएम मणि ने लंबे समय तक केरल में वित्त मंत्रालय संभाला और 13 केरल का बजट भी पेश किया। 1965 में अपना पहला चुनाव जीतने वाले मणि का बुधवार को केरल विधानसभा में जोरदार स्वागत किया गया।
मणि के विधानसभा में 50 साल पूरे होने के मौके पर मौके पर केरल के सीएम पिनाराई का विजयन का कहना है कि मणि का यह रिकॉर्ड तोडना शायद बेहद असम्भव होगा। मणि की दूसरी खासियत यह है कि विधानसभा में उपस्थित रहने में वह सबसे आगे रहे।