दिल्ली : 67 साल के इतिहास में पहली बार सुप्रीम कोर्ट ने नई पहल की है. इन गर्मियों में पांच जजों वाली तीन बेंच नियमित रूप से हर दिन काम करेगी और राष्ट्रीय महत्व से जुड़े मुद्दों का निपटारा करने की कोशिश करेगी. सुप्रीम कोर्ट का 50 दिन लंबा समर ब्रेक हमेशा से जुडिशरी के आलोचकों के निशाने पर रहा है. ऐसा तब है, जब आधे दशक पहले तक लंबित मामलों की संख्या 60 हजार के पार पहुंच गई थी. अब भी ऐसे ही हालात हैं.
ऐसे में चीफ जस्टिस जेएस खेहर और जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की बेंच ने एक नई पहल की है. जानकारी के अनुसार चीफ जस्टिस जेएस खेहर ने गुरुवार को बाताया कि उन्होंने तीन अलग-अलग खंडपीठों का गठन किया है जो गर्मी की छुटि्टयों में मामले को देखेगी. यह पीठ 11 मई से शुरू होने वाली छुटि्टयों में काम करेगी और जरूरत होने पर शनिवार-रविवार को भी बैठेगी.
हालांकि चीफ जस्टिस के इस फैसले पर अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने आपत्ति जताते हुए कहा कि जिसे लेकर जस्टिस खेहर ने कहा कि अगर आप कहते हैं छुटि्टयों में ऐसा नहीं करना चाहिए हमें जिम्मेदार मत ठहराईए.