नई दिल्लीः रियो ओलंपिक में भले ही कुछ अंतर से पदक पाने से दीपा चूक गईं, मगर बतौर भारतीय महिला जिम्नास्ट फाइनल में पहुंचकर उन्होंने पिछले 120 साल का ओलंपिक इतिहास जरूर तोड़ दिया। इस उपलब्धि को देखते हुए दीपा कर्माकर को मोदी सरकार खेल रत्न देने पर विचार कर रही है। यह जानकारी खेल मंत्रालय के सूत्र दे रहे हैं।
पदक हार कर भी जीता दिल, सहवाग ने की खेलरत्न की सिफारिश
दीपा भले ही मामूली अंतर से ब्रांज मेडल जीतने से चूक गईं मगर देश के लोगों का दिल जीत लिया। दीपा ने डिफिकल्टी में 8.666 और एग्जीक्यूशन में 8.266 अंक दर्ज किए। प्रुडोनोवा वॉल्ट में दीपा ने करियर का बेस्ट 15.1 डिफिकल्टी लेवल हासिल किया। फाइनल वॉल्ट में दीपा का एवरेज स्कोर 15.066 रहा। प्रुडोनोवा के डेथ वॉल्ट में दीपा ने बेस्ट परफॉर्मेंस करते हुए 17 में से 15.10 प्वाइंट हासिल किए।
तीन महीने में तैयारी कराने वाले गुरु को मिल सकता है द्रोणाचार्य
सिर्फ तीन महीने की तैयारी के दम पर ही दीपा ने ओलंपिक में बेहतर प्रदर्शन किया। यह तैयारी कराई उनके बचपन से कोचिंग दे रहे विश्वेश्वर नंदी। ऐसे में सरकार बचपन से कोचिंग देने वाले विश्वेश्वर नंदी को भी पुरस्कार दे सकती है।
दीपा और ललिता को खेल रत्न देने के लिए सहवाग ने उठाई मांग
पूर्व क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग ने भी पीएम मोदी को ट्वीट कर जिम्नास्ट दीपा और 3000 मीटर स्टीपलचेज के फाइनल में पहुंचने वाली ललिता को खेल रत्न देने की मांग की। सहवाग ने मांग के समर्थन में कहा कि ये खिलाड़ी रियो में पदक भले नहीं जीत सके, मगर उन्होंने सबका दिल जीत लिया।