नई दिल्ली : देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले दिनों लाल किले से पाकिस्तान के बलूचिस्तान का जो मुद्दा उठाया था. वह अब पूरे शबाब पर है और मोदी का सियासती बयान अब रंग चढ़ते हुए दिखाई दे रहा है. जिसके चलते बलूचिस्तान की जनता ने रविवार को चीन के राष्ट्रपति और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के पुतले ही नहीं बल्कि दोनों देशों के झंडे भी उग्र जनता ने जला दिए.
डुभाल ने क्या सलाह दी मोदी को ?
सूत्रों के मुताबिक पीएम मोदी और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डुभाल ने देखा कि पाक भारत पर कश्मीर के मुद्दे को गरमाकर हो हल्ला कर रहा है तो उन्होंने भी दिल्ली के लाल किले से बलूचिस्तान का मामला उठा कर पाक के नापाक इरादों को उठा दिया. नतीजा यह निकला कि जैसे ही बलूचिस्तान की बात उठी तो चीन घबरा गया. दरअसल चीन बलूचिस्तान के ग्वादर में एक बंदरगाह बना रहा है. जिससे खाड़ी देशों में निर्यात किया जाने वाला सामान दूसरे देशों तक पहुंचाया जा सके. यह भी पढ़ें... बौखलाया पाकिस्तान: वाघा बॉर्डर पर बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी में की नापाक हरकत, भारतीयों पर फेंके पत्थर
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चीन की नब्ज मोदी और डुभाल के लगी हाथ
सूत्रों के मुताबिक इस बंदरगाह से सामान ले जाने के लिए चीन एक ऐसी बड़ी सड़क का भी निर्माण पहाड़ी काटकर बना रहा है. जो चीन से होते हुए बलूचिस्तान और सीधे कश्मीर आ सके. जैसे ही डुभाल को इस बात कि भनक लगी उन्होंने इस बात कि जानकारी पीएम मोदी को दी और उनसे बलूचिस्तान के मामले में हस्तक्षेप करने की सलाह दी. इतना ही नहीं जैसे ही मोदी ने चीन कि इस दुखती हुई नश को दबाने के लिए पाक का साथ दे रहे चीन को दबाने के लिए बलूचिस्तान का मुद्दा लाल किले से उठाया तो चीन घबरा गया.