अरे मित्रों आप सब जानते हैं यह धरती सबको अपने अंदर समाहित कर लेती है मगर प्लास्टिक ही एक ऐसी मिट्टी की सौतन बनी है जिसको वह अपने अंदर समाहित नहीं कर पाती दिन पर दिन हुआ उसे प्रदूषित करती जा रही है जल से लेकर हवा तक कोई उसे सुरक्षित नहीं है विभिन्न प्
कि तू बस छोड़ दे साथ मेरे , मुझे तुझसे कोई गिला नहीं । और दोबारा सताने लगी है तू मुझे, ऐ जिन्दगी तुझे कोई और मिला नहीं ।
रिवेंज: एन अनप्रीडिक्टेबल लाइफ - इंट्रो सत्या सिन्हा - उम्र करीब साढ़े 21 साल। इंडियन आर्मी की बिग फैन। आर्मी में जाना इसका ड्रीम है। काफी समझदार और थोड़ी सी चुलबुली। इसको हर टाइम फालतू बात बकना ज्यादा अच्छा लगता है। ये प्रयागराज
शीत काल में ठंड ना लागे, सम्मर में साँप से डर ना लागे, खाने को दाने ना, पुलिस थाने ना, भर्ती होना आसान नहीं, जवानों का दर्द कोई जाने ना । दौर - दौर के छाले पयरों में, हित-नात की बातें दिलों में, होठों से होठ दबोच आँशु नयनों में, शौक है किसका डूब जान
लड़की होना मेरे लक्ष्य पर पड़ा था भारी जिस स्याही से मेरी किस्मत लिखी वह थी काली । आंखें बंद कर जिन अपनों पर विश्वास किया उन्हीं ने तो मेरी सभी ख्वाहिशों का गला घोटा । जो बोलते थे कि लड़का लड़क
यह पुस्तक युवाओं के लिए प्रेरणा का काम करेगी
बहुत समय पूर्व जब गुरुकुल शिक्षा की प्रणाली होती थी | तब हर बालक को अपने जीवन के पच्चीस वर्ष गुरुकुल में बिताना पड़ता था | उस समय एक प्रचंड पंडित राधे गुप्त हुआ करते थे जिनका गुरुकुल बहुत प्रसिद्ध था | जहाँ दूर-दूर के राज्य के शिष्य शिक्षा प्राप्त करन
Kab kon kiska sath deta hee.. Kashti ke mohafiz hi kashti ko dobuta hee. Bahut goroor tha tumhe in logon par..... Yahi log qatl ka dushmanu ko mashwara deta hee?
एक वैभवशाली राजा जिसके एक ही पुत्र था। आने राज्य में अपने न्याय के लिए मशहूर राजा प्रजा के लिए बहुत ही अच्छा था। राजा का पुत्र सुभद्र देव बचपन से परकर्मी और मेधावी था। लेकिन एक राजकुमारी कें प्रेम में फंसकर वो एक प्रतियोगिता हार जाता है और इस हार से
इस पुस्तक में कविताओं का संग्रह किया गया है । कविताओं के द्वारा आपको जीवन से जुड़ी जानकारी प्राप्त होती है। तथा आप कविताओं के द्वारा अपना मनोरंजन भी कर सकते है। व विभिन्न प्रकार की कविताओं से अलग अलग ज्ञान प्राप्त कर सकते है ।
अंत्यज की लेखनी इस पुस्तक में आपको दलित विमर्श कविताएं एवम लघु कथाएं पढ़ने को मिलेगा। इस पुस्तक में दलितों को संगठित होने ,संघर्ष करने तथा शिक्षित होने तथा कुछ कर गुजरने के संदेश भी मिलेंगे।और उनके साथ हुए बुरे अनुभव एवम उनके साथ होते भेदभाव को भी स
इंसान का सोचा कुछ नही होता है ,नियति में जो होना है वो होगा ,
जिसके साथ खून का सम्बन्ध नहीं होता, फिर भी प्रिय लगे.. *वह है👬दोस्त* जिसके साथ दुनियां भर की बातें करके भी थकान ना लगे .... *वह है👬दोस्त* जिसके साथ छोटी सी बात पर भी खुल कर हंस लेते हैं... *वह है👬
छोड़ो ना❤️ ये सफेद बालों की फ़िक्र कोई तो होगा, जो तुम्हारी सिर्फ माथे की बिंदी पर मरता होगा. छोड़ो ना बढ़ते हुए वज़न की फ़िक्र। कोई तो होगा, जो सिर्फ तुम्हारे खूबसूरत दिल पे मरता होगा।। छोड़ो ना ये गालों पे आने वाली सिलवटों की फ़िक्र। कोई तो होगा, जो
ये कविताएं मेरे जीवन दर्शन की यात्रा है जो विभिन्न परिस्थितियों में मुझे एक दार्शनिक के रूप में स्वयं को देखने के लिए मजबूर करती हैं आप भी पढिये मेरे विचार मेरे दर्शन के द्वारा ।