यह दीपावली में सुरन की सब्जी क्यों बनती है उस पर आधारित हैं
लोगों की फितरत देख कर के कभी-कभी उसको ऐसा लगता था उसने इस जहां में आकर के एक बहुत बड़ी गलती से करती है न जाने क्यों ऐसा सोचता था पता नहीं इस समाज के संकीर्ण सोच या फिर कशमकश लोगों के ताने।
बाबुलाल रायपुर शहर के बहुत धनी इंसान थे। उनके वहां कै राईस मिल व दुकानें थी। जिनका मूल्य 50 करोड़ से कम नहीं था। वे और अधिक कमाने के चक्कर मेँ शेयर मार्केट में अनाप शनाप तरीके से पैसा लगाने लगे । कुछ महीनों बाद शेयर मार्केट ढह गया तो उनके ऊपर
वैसे देखे तो सभी के जीवन में एक कहानी होता है किन्तु सभी असहज महसूस करते हैं उन्हें और को बताने में । मै भी उन्हीं में से एक हूं , किन्तु हां ये बात और है कि मै अपनी कहानी आपको आज बताने का मन बना लिया हूं । मै इस क्षेत्र में बिल्कुल नया हूं तो मैं अप
मेरी यह कहानी एक ऐसे पात्र की है जो अपने जीवन में ऐसे आगे बढ़ता है कि वह सोच ही नहीं पाता कि जीवन भी ऐसा होता है। जीवन के हर रास्ते पर हर व्यक्ति को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है , मुश्किलों को पार - पार करते करते वह इतनी दूर चला जाता है कि वह सो
रहिमन धागा प्रेम का मत तोड़ो चटकाए टूटे से फिर ना जुड़े जुड़ गांठ पर जाय ये। दोहे h
मेरी किताब *इंसानियत* कुछ ऐसी कहानियों का एक संग्रह है , जो प्रेरित करती है कि इंसान को कभी भी किसी को मदद या सेवा करने का मौका मिले तो उसे अवश्य करना चाहिए । तभी हम सच्चे इंसान कहला सकते हैं । नर में ही नारायण का वास होता है। प्रत्येक जीव की सेवा और
एक अध्यापक के पास बेटो की कमी नहीं होती
सानिध्या ग्रामीण परिवेश की एक लड़की की कहानी हैं जो विभिन्न चुनोतियों को पार करके अपने सपनो को पाने के लिए एक बड़े शहर में जाती हैं | कहानी में कुछ स्तरों पर स्त्री मनोविज्ञान ( ग्रामीण परिवेश के सन्दर्भ में ) को भी छूने का प्रयास किया गया हैं |
एक कथा महायुद्ध की एक कथा कलयुग के प्रपच की एक कथा कलयुग के उदय की एक महान राजा की
"पगडंडी" ग्रामीण जनजीवन पर आधारित एक काव्य संग्रह है, जिसमें गाँवों की सहजता, प्राकृतिक सुंदरता, और वहाँ के लोगों की संघर्षमयी लेकिन संतुलित जीवनशैली को प्रस्तुत किया गया है। इस संग्रह की कविताएँ गाँव की पगडंडियों से जुड़ी यादें, किसानों का परिश्रम,
कवि:- शिवदत्त श्रोत्रिय<br style="color: rgb(34, 34, 34); font-family: Georgia, Utopia, 'Palatino Linotype', Palatin
इस किताब में जो भी कविताएं संकलित है सभी मेरे अंतर्मन से निकले विचार हैं जो विपरीत परिस्थितियों में संघर्ष की देन है, इस पुस्तक को आप सभी पाठकों से स्नेह मिलेगा यही मेरी कामना है धन्यवाद 🙏
नमस्कार पाठकों मेरी ये क़िताब आम आदमी के जीवन से जुड़ी बातों को शायरी, ग़ज़ल, नज़्म, कविता के रूप में आप तक पहुँचाने का प्रयास है। प्यार मोहब्बत से लेकर छोटी बड़ी समस्याएं जो देखी है औऱ जो ख़ुद पर बीती है। सभी को एक लहज़ा देने की छोटी सी कोशिश की गई है।इस
“लाज़” एक शब्द नही बल्कि औरत का वह कीमती आभूषण है , और समाज औरत को यह शिक्षा देता है कि वह पूरे जीवन इसकी रक्षा करे, पर ऐसा देखा गया है कि जो समाज औरत को यह शिक्षा देता है, औरत को उसी समाज से अपनी लाज़ को बचाने के लिए संघर्ष करना पड़ता हैं। यह रचना समा