बाबुलाल रायपुर शहर के बहुत धनी इंसान थे। उनके वहां कै राईस मिल व दुकानें थी। जिनका मूल्य 50 करोड़ से कम नहीं था। वे और अधिक कमाने के चक्कर मेँ शेयर मार्केट में अनाप शनाप तरीके से पैसा लगाने लगे । कुछ महीनों बाद शेयर मार्केट ढह गया तो उनके ऊपर 200 करोड़ की देनदारी खड़ी हो गई। इसके कारण उनकी सारी संपत्ति बिकने के कगार पर आ गई। वे इस समस्या से इतने परेशान हुए की सब कुछ त्याग करके बिना किसी को बताए घर छोड़ कर कहीं चले गए । इस समय उन्हें खुद नहीं मालूम था की कहां जाना है और क्या करना है? वे मानसिल रूप से टूट चुके थे।
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