लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के पार्टी नेताओं ने कांग्रेस की दुर्दशा का ठीकरा समाजवादी पार्टी से किये गए गठबंधन पर फोड़ा है।दूसरे शब्दों में इसे माने तो स्वम कांग्रेस कार्यकर्ताओं को राहुल गांधी और अखिलेश यादव का साथ पसंद नही आया।
इस बात का अनुमान पहले भी लगाया जा रहा था कि प्रदेश में चुनाव की कमान प्रदेश के ही किसी नेता को न देकर राज बब्बर और गुलाम नसबी आज़ाद को दिए जाने से कार्यकर्ता नाराज़ दिख रहे है। चुनाव के बाद हुई समीक्षा बैठक में पार्टी के जिला व शहर अध्यक्षों ने चुनाव में हार पर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर व वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद को भी खरी-खरी सुनाई।
बैठक में नेताओं ने कहा कि समाजवादी पार्टी से गठबंधन के कारण ही प्रदेश में कांग्रेस की हालत इतनी खराब हुई है। कांग्रेस के नाम से जाने वाले प्रदेश में कांग्रेस हाशिये पर चली गई है।
प्रदेश अध्यक्ष ने कार्यकर्ताओं की विचार कांग्रेस हाईकमान तक न पहुंचा पाने के लिए माफी मांगी।
आगे कांग्रेस का समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन रहेगा या नहीं, इस पर बैठक में फैसला नहीं लिया गया है। बैठक के इस पर अभी भी अनिश्चितता के बादल छाये हैं।
लखनऊ के पार्टी कार्यालय में हुई बैठक में कांग्रेस के जिला, शहर व प्रदेश अध्यक्ष सहित गुलाम नबी आजाद व पीएल पुनिया जैसे कई बड़े नेता भी मौजूद थे।
मीडिया से बातचीत करते हुए प्रदेश अध्य्क्ष राज बब्बर ने कहा कि समाजवादी पार्टी व कांग्रेस के एजेंडे अलग-अलग हैं। गठबंधन बने रहने का फैसला अब कार्यकर्ताओं की मर्जी पर होगा।
राज बब्बर ने कहा कि कांग्रेस अपने कार्यकर्ताओं का सम्मान करती है और कार्यकर्ता जो कहेंगे उसी के आधार पर अब निर्णय लिया जाएगा।