दिल्ली : संसद में शीतकालीन सत्र के हंगामेदार होने की संभावना है. नोटबंदी के मुद्दे पर विपक्ष सरकार के खिलाफ़ एकजुट दिख रहा है. इससे पहले सोमवार को कांग्रेस, टीएमसी, सीपीएम, आरजेडी समेत कई दलों की बैठक हुई. टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी जहां राष्ट्ररपति भवन तक मार्च करने की तैयारी में हैं वहीं बसपा प्रमुख मायावती ने नोटबंदी के फैसले की जेपीसी से जांच कराने की मांग की है.
वहीं, पीएम नरेंद्र मोदी ने संसद सत्र से पहले मीडिया के सामने कहा कि देशहित में चर्चा होनी चाहिए. सरकार की सोच और लोगों की समस्याओं पर इस सत्र में अच्छी डिबेट होगी. सभी दलों का अच्छा योगदान होगा. सरकार की ओर से प्रस्तावित काम पर सभी दलों को साथ लेकर आगे चलने का काम किया जाएगा.जीएसटी पर भी सभी दलों के साथ आगे बढ़ा जाएगा. सभी राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम किया जाएगा.
वहीं मंगलवार को कांग्रेस ने शीतसत्र के लिए रणनीति पर चर्चा के लिए बैठक की. इस बैठक में सरकार को घेरने की बात कही गई है. इससे पहले कांग्रेस नेताओं ने पीएम पर बीजेपी नेताओं को नोटबंदी की जानकारी लीक करने का आरोप लगाते हुए इसे एक बड़ा घोटाला बताया है.
इसके अलावा विपक्ष सर्जिकल स्ट्राइक, जम्मू-कश्मीर के वर्तमान हालात, ओआरओपी जैसे कई दूसरे मुद्दों पर भी सरकार को घेरने की तैयारी में है. शीत सत्र के पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने विपक्षी दलों के वरिष्ठ नेताओं से मुलाक़ात कर काले-धन और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सहयोग और समर्थन की अपील की. सर्वदलीय बैठक में पीएम ने एक साथ लोकसभा और विधानसभा चुनाव कराने के विकल्प का भी सुझाव दिया.