अजब शै है तस्वीर. जो जैसा है, उसे वैसा दर्ज कर लेती है. समाज का सबसे नंगा सच और सच का सबसे करीबी संस्करण. तस्वीरों ने कई बार दुनिया की तस्वीर बदली और असंख्य बार हमें चौंकाया. लेकिन कुछ पिक्चर ऐसी हैं जो सोशियो-पॉलिटिकल लिहाज से कयामतखेज हैं और इतिहास में अमर हो चुकी हैं.
4जी के दौर में भी आपने ये तस्वीरें नहीं देखीं और इनकी कहानियां नहीं जानीं, तो यह छोटे-मोटे अपराध से कम नहीं. जानिए इन 10 सबसे चर्चित तस्वीरों के बारे में:
1. गिद्ध और एक बच्ची, (सूडान 1993)
फोटोग्राफर: केविन कार्टर
मार्च 1993. दक्षिण अफ्रीकी फोटोग्राफर केविन कार्टर सूडान में एक भूख से तड़प रही बच्ची घिसटती हुई की तस्वीर लेने की तैयारी में थे. तभी वहां एक गिद्ध आकर बैठ गया. जिंदगी का सबसे आखिरी और सबसे वीभत्स रूप और दूसरी तरफ मौत के इंतजार में बैठा एक निर्दयी शिकारी, दोनों एक फ्रेम में थे.
क्वार्टर ने एक पेशेवर की तरह यह तस्वीर ली और वहां से लौट गए. उन्हें सख्त हिदायत दी गई थी कि बच्चों को छूना नहीं है, वरना बीमारी उन्हें भी चपेट में ले सकती है.
26 मार्च 1993 को यह तस्वीर न्यूयॉर्क टाइम्स में सबसे पहले छपी. हजारों लोगों ने अखबार के दफ्तर में इस बच्ची के बारे में पूछताछ की. लेकिन किसी को नहीं पता था कि बच्ची बच पाई या नहीं.
अगले साल उन्हें इस तस्वीर के लिए पुलित्जर अवॉर्ड मिला. इसके तीन महीने बाद कार्टर ने सुसाइड कर लिया. यह इतिहास की सबसे मार्मिक तस्वीरों में से एक मानी जाती है.
2. टैंक मैन (चीन, 1989)
फोटोग्राफर: जेफ वाइडनर, स्टुअर्ट फ्रैंकलिन, चार्ली कोल, आर्थर त्सांग हिन वाह
चीन का थियानमेन स्क्वायर. विशालकाय टैंकों की कतार के आगे मजबूती से खड़ा और उन्हें चिल्लाकर चुनौती देता एक दुबला-पतला शख्स. तारीख थी 5 जून 1989.
वह शख्स यहां इसलिए खड़ा था क्योंकि एक दिन पहले चीनी सेना ने सरकार विरोधी और लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनकारियों को खदेड़ दिया था. इस सैनिक कार्रवाई में सैकड़ों लोग मारे गए, लेकिन सटीक आंकड़ा किसी को नहीं पता है.
अगली सुबह यह अज्ञात आदमी टैंकों की कतार को इस तरह ललकारता नजर आया. टैंकों का काफिला रुक गया. आगे वाले टैंक ने रास्ता बदलकर आगे बढ़ने की कोशिश की तो वह शख्स भी कूदकर टैंक के सामने आ गया. अगले ही पल वह टैंक पर कूदकर चढ़ गया. इस घटना का पूरा वीडियो यूट्यूब पर उपलब्ध है.
अमेरिकी फोटोग्राफर जेफ वाइडनर समेत पांच फोटोग्राफरों ने ये तस्वीरें ली. अखबारों ने फौलादी जिगर के इस शख्स को नाम दिया- ‘टैंक मैन’. उसकी असल पहचान क्या है और अब वह कहां है, यह किसी को नहीं मालूम.
3. द नेपाम गर्ल, (वियतनाम, 1972)
फोटोग्राफर: निक अट
एक किस्म का बेहद ज्वलनशील पेट्रोलियम पदार्थ होता है, जिसे कहते हैं नेपाम. अंग्रेजी में स्पेलिंग है napalm. नेपाम एक खास तरह के बम में भी इस्तेमाल किया जाता है जो अपने पीछे आग की भयंकर लपटें छोड़ते हैं और सब कुछ खाक में मिला देते हैं. जो निर्वस्त्र लड़की आपको इस तस्वीर में दिख रही है, उसका नाम ‘द नेपाम गर्ल’ है.
अमेरिका और वियतनाम में युद्ध चल रहा था. तारीख थी 8 जून 1972. वियतनाम में अमेरिकी फौज ने नेपाम बम मारे. पूरे इलाके में आग फैल गई. कुछ बच्चे रोते-बिलखते हुए वहां से भागे, जिनमें एक 9 साल की निर्वस्त्र बच्ची भी थी. नाम था फान थी किमफुम.
फोटो एजेंसी एपी के फोटोग्राफर निक अट ने यह तस्वीर ले ली लेकिन न्यूडिटी की वजह से शुरू में इसे एजेंसी ने जारी नहीं किया.
बाद में एजेंसी को लगा कि तस्वीर की न्यूज वैल्यू इसकी न्यूडिटी को खारिज करती है. लिहाजा तस्वीर जारी की गई और दुनिया में तहलका मच गया. अगले साल इस तस्वीर के लिए निक अट को पुलित्जर अवॉर्ड दिया गया. 20वीं सदी की सबसे यादगार तस्वीरों में से एक.
4. केनेडी के हत्यारे की हत्या (डैलस, 1963)
फोटोग्राफर: रॉबर्ट एच. जैक्सन
अमेरिकी राष्ट्रपति जॉन एफ केनेडी की हत्या को दो दिन बीत चुके थे. उनका कथित हत्यारा ली हार्वे ओसवाल्ड टेक्सस के डैलस स्थित एक नाइटक्लब में पहुंचा.
नाइटक्लब के मालिक जैक रूबी को इसका पता चला तो उन्होंने पिस्टल निकालकर ओसवाल्ड को गोली मार दी. फोटोग्राफर रॉबर्ट एच. जैक्सन ने गोली चलने से पहले फुर्ती से यह तस्वीर ले ली.
बाद में इस फोटो ने उन्हें पुलित्जर प्राइज दिलवाया. रूबी पर केस चला और वह मर्डर के दोषी पाए गए. उन्होंने अदालत के इस फैसले के खिलाफ ऊंची अदालत में अपील की लेकिन ट्रायल शुरू होने से पहले उनकी मौत हो गई.
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