हमारा देश बदल रहा है. ये बदलाव अखिलेश यादव के यूपी में तो कुछ ज्यादा ही दिख रहा है. कुछ रोज पहले दिल्ली-कानपुर हाईवे पर कुछ गुंडे मां-बेटी का गैंगरेप कर गए. बारी आई रपट लिखने की तो पुलिस ने पल्ला झाड़ लिया. अब ताजा मामला इलाहाबाद का है. कहना न होगा कि यहां भी यूपी पुलिस की करतूत का ही बखान होना है. साथ ही वो लॉ एंड ऑर्डर भी गौरतलब रहे, जिसकी अगुवाई सीएम अखिलेश यादव कर रहे हैं.
सुधीर कुशवाहा नाम का एक बंदा. बांस-बल्ली का कारोबार करता. वाइफ 7 महीने की प्रेग्नेंट. एक पांच साल की बच्ची भी थी. शुक्रवार को इस बच्ची के तेज बुखार था. लेकिन तभी अचानक पुलिस आई और सुधीर और उसकी प्रेग्नेंट वाइफ को पकड़ ले गई. जाकर सुधीर लॉकअप में बंद कर दिया. दोनों खूब चिल्लाए कि बेटी बीमार है जाने दो. पर पुलिस क्यों ही सुने. घर पर बुखार में तप रही सुधीर की 5 साल की बेटी मर गई.
जब पांच साल की राधिका की तबीयत ज्यादा बिगड़ रही थी, तब किसी पड़ोसी ने आकर थाने में बताया कि हालत ज्यादा खराब हो रही है. जब पुलिस ने राधिका की मां को जाने दिया. लेकिन प्रेग्नेंट होने के चलते वो राधिका को डॉक्टर के पास नहीं ले जा पाई. घर पर मेडिकल स्टोर से लाई दवा काम नहीं कर पाई. राधिका ने दम तोड़ दिया. थाने खबर पहुंची तो पुलिस ने सुधीर से खाली पेपर में साइन कराए. और उसे जाने दिया.
बच्ची जब तक अस्पताल ले जाई जाती, तब तक देर हो चुकी थी. सुधीर का आरोप है,
‘पुलिस ने ये सब लोकल भू-माफिया के कहने पर किया है. ये लोग मेरी जमीन मुझसे छीनना चाहते हैं. इसलिए बिना केस दर्ज किए मुझे थाने पकड़ लाए. मेरी बेटी मर गई. मुझे इंसाफ चाहिए.’
सुधीर अपनी बेटी की लाश को लेकर घर के नजदीक बेनीगंज तिराहे पर सड़क पर बैठ गया है. उसके साथ पड़ोस के कुछ और लोगों ने आकर रास्ता जाम कर दिया. मौके पर पहुंची पुलिस ने लाठियों के जोर पर बाकी लोगों को तो भगा दिया, लेकिन सुधीर को हिला नहीं पाए.
सुधीर जहां बैठा हुआ है, वहां का ये वीडियो है.
http://www.thelallantop.com/news/5-year-old-girl-lost-her-life-due-to-up-police-and-lack-of-medical-examination-in-allahabad/