kanpur- अब आईआईटी में भी आपका बेटा सुरक्षित नहीं हैं
आईआईटी के पीएचडी छात्र अलोक कुमार पांडेय की मौत एक गलत इंजेक्शन लगने से हो गयी| अलोक के कंधे में मामूली सा दर्द था और डॉक्टर ने बिना चेकअप के इंजेक्शन लगा दिया|भड़के छात्रों ने हेल्थ सेंटर में जमकर हंगामा किया|
छात्रों का कहनाहै की हेल्थ सेंटर फैकल्टी के रिश्तेदार चला रहे हैं जो की बिल्कुल अयोग्य हैं. छात्रों ने हेल्थ सेंटर के डॉ शैलेन्द्र किशोर को इसके लिए जिम्मेदर बतातेहुए पोस्टमार्टम व एफआईआर दर्ज करने की मांग करते हुए देर रात अधिकारियों का घेराव किया| छात्रों को शांत करने के लिए पूरा प्रशासन जुटा रहा पर छात्र टस से मस नही हुए| छात्रों के कड़े तेवर को देखते हुए प्रशासन ने पुलिस को सूचित कर दिया है|
वही IIT में लगातार छात्र अड़े हुए हैं अपनी मांगों को लेकर, लेकिन पूरा प्रशासन छात्रों को शांत करने में लगा है| ये गलती आईआईटी में पहली बार नही हुयी है|
आगे का आलम तो और भी गंभीर मोड़ लेता गया. कुछ देर बाद ही माइक पर IIT के डायरेक्टर ने बोलना शुरू किया, की जल्द ही कमेटी बिठाई जाएगी उसके बाद उसका कोई फैसला आएगा जिसके बाद ही वो कोई एफआईआर दर्ज करेंगे या कोई कड़ा कदम उठाएंगे. इतना सुनते ही वहाँ बैठे छात्रों ने एक बार फिर बवाल किया और चिल्लाना शुरू कर दिया.
ऐसा होता देख उनमे से कुछ छात्रों को भी माइक पर बोलने का मौका दिया गया. गुस्से में बौखलाए एक छात्र ने भी सवाल किया कि इतनी बड़ी घटना होने बाद जिसमे एक आईआईटी छात्र की जान चली गई, उस पर उनके पास एफआईआर के लिए कोई कारण ही नहीं है और वो कमेटी बैठने का इंतज़ार करना चाहते है? इसके बाद वही मौजूद दूसरी छात्रा भी समर्थन मे बोलने लगी, तब उसकी बात को रोकने के लिए बीच मे ही माइक का कनैक्शन काट दिया गया। ऐसा होने पर छात्रों मे गुस्सा और भी ज़्यादा बढ़ गया और वे जम कर नारेबाज़ी करने लगे।
सुनने मे तो यह भी आ रहा है कि रेपोर्ट्स मे घटना के लिए जिम्मेदार तीन लोगों के नाम मे बदलाव किया गया है।
बीत रहे हर घंटे के साथ साथ मामला तूल पकड़ रहा है। दूसरी तरफ IIT छात्रो कि मांगें हैं कि घटना के लिए ज़िम्मेदार व्यक्तियों के खिलाफ तुरंत एफआईआर दर्ज हो, जो भी लीगल एक्शन लिया जाएगा उसका पूरा खर्चा आईआईटी को
देना होगा, पीड़ित छात्र अलोक की पूरी फीस आईआईटी को वापस करनी होगी, तथा आये दिन आईआईटी छात्रों की मौत तथा ऐसी घटनाओं को देखते हुए, एक ऐसी कमेटी बनाई जाए जो ऐसी घटनाओं की तुरंत जांच कर एक्शन ले सके.
ऊपर लगे विडियो में आप छात्रों का आक्रोश और नारेबाज़ी का मंज़र खुद ही देख सकते हैं.