संभोगक्रिया के समय बहुत से पुरुष अपनी बीवियों को सेक्स के अलग-अलग आसनों को प्रयोग करने की प्रयोगशाला बना देते हैं. पुरुष अक्सर किताबों या फिल्मों में सेक्स करने के अलग-अलग तरीकों को देखकर अपनी पत्नी के साथ भी उसी तरह सेक्स करने के लिए जोर डालते हैं. लेकिन सेक्स करने के यह तरीके या आसन जो दिखाए जाते हैं उनको करना लगभग नामुनकिन होता है. इन अलग-अलग आसनों को करते समय या संबंध बनाते समय पुरुष इस कदर उत्तेजित हो जाते हैं कि उसके लिए संबंध बनाए रखना मुश्किल हो जाता है जिसकी वजह से वे शीघ्र स्खलित हो जाते हैं. पत्नी को भी ऐसा महसूस होता है कि उसका पति तो उसे किसी खिलौने की तरह प्रयोग कर रहा है|
जिसके कारण वह शारीरिक और दिमागी रूप से पीड़ित रहने लगती है. वैसे भी सेक्स संबंधों का जितना आनंद सामान्य आसन से मिलता है उतना अलग-अलग आसनों का प्रयोग करने से नहीं मिलता. बहुत से विद्वानों का कहना है कि जो व्यक्ति सामान्य आसनों का प्रयोग करके सेक्स संबंधों का आनंद उठा रहा है उन्हें भूलकर भी अलग-अलग आसनों का प्रयोग नहीं करना चाहिए. इसके लिए सबसे अच्छा आसन है कि संभोगक्रिया के समय पत्नी को नीचे और पति को उसके ऊपर लेटना चाहिए. इस आसन को करते समय पुरुष का लिंग बहुत ही आसानी के स्त्री की योनि में प्रवेश कर जाता है और पुरुष संभोग के समय स्त्री के चेहरे के भावों को पढ़ सकता है. विराम के समय स्त्री के शरीर पर निश्चल लेटने से एक अनोखा सुख प्राप्त होता है. इसके बाद सिर्फ विपरीत रति वाले आसन को ही अच्छा माना गया है. इस आसन में पति नीचे लेटता है और पत्नी उसके ऊपर लेटती है. इसमें शरीर संचालन स्त्री और पुरुष दोनों मिलकर कर सकते हैं. इस आसन में भी सारी स्थितियां पहले आसन के ही जैसी होती हैं लेकिन विराम के समय आराम का सुख स्त्री को ही मिलता है|
इन दोनों आसनों की खासियत यह है कि इसमें जब तक संभोगक्रिया चलती है तब तक बिना किसी परेशानी के चलती है. दूसरे किसी आसन में यह सुविधा नजर नहीं आती है. बाकी सारे आसनों में जो कमी नजर आती है वह यह है कि उनमें संभोग और विराम काल में स्त्री-पुरुष एक-दूसरे के सीने से लगकर आनंद नहीं उठा पाते. दूसरे आसनों में लिंग योनि में इतनी आसानी से प्रवेश नहीं कर पाता जितनी आसानी से पहले वाले आसन में हो जाता है. कई बार लिंग को योनि में प्रवेश कराने से पुरुष की उत्तेजना इतनी बढ़ जाती है कि योनि में प्रवेश के साथ ही पुरुष का वीर्य निकल जाता है. इसके लिए सबसे अच्छा उपाय यह है कि जो व्यक्ति शीघ्रपतन रोग से ग्रस्त होता है उन्हें पहले वाले आसन में ही संभोग करना चाहिए.