अनूप श्रीवास्तव
नई दिल्ली: समाजवादी पार्टी में चल रहे चाचा भतीजे के घमासान को लेकर मुलायम सिंह ने अलटीमेटम दिया है। गुरुवार को लखनऊ में संसदीय बोर्ड की बैठक बुलाई गई है जिसमें मुलायम सिंह ने सीएम अखिलेश और भाई शिवपाल के बीच चल रहे विवाद को अब ख़त्म करने की ठान ली है। दरअसल बुधवार को शिवपाल यादव और पार्टी सु्प्रीमो मुलायम सिंह के बीच दो घंटे तक बातचीत का दौर चला। जिसके बाद मुलायम सिंह ने अब इस मामले का निबटार करने का फ़ैसला ले लिया है। लंबे वक़्त से चल रहे इस विवाद पर बुधवार को सीएम अखिलेश ने चाचा शिवपाल से चल रहे विवाद पर कहा था कि ये मामला परिवार का नहीं बल्कि सरकार का है।
अखिलेश के पास पहुंचा नेताजी का पत्र
दरअसल यूपी में शिवपाल यादव से सारे विभाग वापस लेने पर सूबे के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि उन्होंने कुछ फ़ैसले 'नेता जी' के कहने पर और कुछ फ़ैसले ख़ुद ही लिए हैं. लेकिन उसके बाद मंगलवार को घटे घटनाक्रम के बाद दोपहर को मुलायम सिंह का एक पत्र अखिलेश के पास पहुंचा, जिसमें उनके चाचा शिवपाल यादव को प्रदेश अध्यक्ष बनाने की बात थी। लेकिन शाम होते होते मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उनसे सिंचाई, लोकनिर्माण, सहकारिता और राजस्व विभाग वापस ले लिए।
मुलायम सिंह के दांव का इंतज़ार
शिवपाल यादव ने नेताजी से मुलाक़ात के बाद कहा कि वो अब कोई भी कदम 'नेता जी' से विचार-विमर्श के बाद ही उठाएंगे. बुधवार को शिवपाल यादव ने लखनऊ में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि, "सब-ठीक ठाक है और कहीं कोई विवाद नहीं है, नेता जी का जो भी आदेश होगा, उसे माना जाएगा. पूरी पार्टी उनके साथ खड़ी है." जिसके बाद इस पारीवारिक खींचातानी के बीच ही मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने रथ यात्रा का ऐलान कर दिया है. अब सभी को इंतज़ार है कि गुरुवार को सपा सुप्रीमों मुलायम सिंह कौन सा दांव चलेंगे।