नई दिल्लीः समाजवादी पार्टी में इन दिनों वर्चस्व की जंग चल रही है। प्रदेश अध्यक्ष बनने के पहले मेन बॉडी में शिवपाल ने अखिलेश समर्थकों को किनारे किया, अब युवा टीम में भी यही दांव चल दिया। सभी प्रमुख पद अपने समर्थकों में बांट दिए। ताकि पार्टी में मुख्य संगठन से लेकर युवा अनुषांगिक संगठनों में भी अपना सिक्का चल सके। इससे साफ पता चलता है कि मुलायम कुनबे में मची कलह अब किसी सुलह-समझौते से नहीं थमने वाली। वहीं शिवपाल मुख्य संगठन से लेकर युवा टीम में अपने भरोसे के लोगों को रखकर पार्टी की पूरी कमान अपने हाथ में लेने की दिशा
में चल रहे।
क्या हुआ फेरबदल
बतौर प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने यूथ विंग का गठन किया है। इसमें अखिलेश समर्थकों को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया गया है। लखनऊ विवि के छात्रसंघ रहे अभिषेक सिंह आशू को समाजवादी युवजन सभा का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया है। वे इससे पहले युवजन सभा के राष्ट्रीय सचिव और छात्रसभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं। अनिल वर्मा को मुलायम सिंह यूथ बिग्रेड का व फिरोजाबाद के विजय यादव को लोहिया वाहिनी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया है। इसी तरह समाजवादी लोहिया वाहिनी का आशुतोष त्रिपाठी को प्रदेश महासचिव और आशिफ जमां खान को समाजवादी युवजन सभा का महासचिव नियुक्त किया है।इसी तरह फरहत हसन खां को समाजवादी अल्पसंख्यक सभा का प्रदेश अध्यक्ष बनाया है।
अखिलेश की नहीं ली सहमति
यूथ विंग की भंग इकाइयों को गठित करने से पहले अखिलेश यादव से शिवपाल ने विचार विमर्श करना जरूरी नहीं समझा। बिना उन्हें भरोसे में लिए सभी पदों पर नियुक्तियां कर डालीं। इस प्रकार से समाजवादी पार्टी में अब वर्चस्व की जंग चल रही है।