लखनऊः सपा के बड़े नेताओं की मानें तो पार्टी में मची कलह अब मुलायम सिंह यादव और बर्दाश्त करने के मूड में नहीं हैं। भातृप्रेम में डूबे मुलायम ने बार-बार की किच से निजात पाने के लिए अखिलेश को पार्टी से बाहर करने पर विचार शुरू कर दिया है। ताकि घर के बुजुर्गों की नाफरमानी कर रहे अखिलेश को सबक मिल सके। हालांकि बाद में कलह थमने पर उन्हें पार्टी में लिया जा सकता है। इस आशंका पर अखिलेश यादव ने रविवार को ही विधायकों की बैठक बुलाकर शक्ति प्रदर्शन की तैयारी शुरू कर दी है। अखिलेश की बैठक इसलिए अहम है क्योंकि इससे एक दिन बाद यानी सोमवार को मुलायम सिंह ने पहले से पार्टी सांसदों की बैठक बुला रखी है। अखिलेश ज्यादा संख्या में विधायकों को जुटाकर पार्टी का रुख अपने पक्ष में होने का 'नेताजी' को संदेश देना चाहते हैं।
समर्थकों का अखिलेश पर कड़ा फैसला लेने का दबाव
जिस ढंग से शिवपाल यादव ने प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद अखिलेश समर्थकों के खिलाफ सफाई अभियान चला रखा है, उससे अखिलेश की युवा टीम सकते में हैं। पार्टी के एमएलसी उदयवीर सिंह ने अखिलेश के समर्थन में चिट्ठी लिखी तो निलंबित कर दिया गया। ऐसे में अखिलेश के समर्थक उनसे मीटिंग में किसी निर्णायक और कड़े फैसले की उम्मीद संजोए बैठे हैं। विधानमंडल दल की बैठक दिन में 11 बजे से होनी है। इस बैठक में विधायक और एमएलससी दोनों रहेंगे। सभी की बैठक को अनिवार्य किया गया है।
शिवपाल की टिकी निगाह
दरअसल विधायकों की इस बैठक में ज्यादा संख्या दिखाकर अखिलेश शक्ति प्रदर्शन करने की तैयारी में है। जिससे बैठक में कितने विधायक आते हैं, इस पर शिवपाल समर्थकों की निगाह टिकी है। अगर ज्यादा संख्या में विधायक आते हैं तो माना जाएगा कि पार्टी के विधायक अखिलेश के साथ हैं। अगर विधायक अपेक्षित संख्या में नहीं आते हैं तो शिवपाल के गुट के पार्टी में दबदबा होने का संदेश जाएगा।